How to control pollution, farmers are burning stubble

 पराली जलाता किसान



शाहगढ़ (अमेठी)। पराली जलाने पर रोक है, इसके बाद भी किसान किसान बेखौफ होकर खेतों में पराली जला रहे हैं। मंगलवार को शाहगढ़ में पराली जलाने का मामला आया है। कृषि विभाग की टीम ने पहुंचकर जांच-पड़ताल की है। इससे पहले पांच किसानों पर कार्रवाई की जा चुकी है।

धान की फसल की कटाई शुरू होने के साथ ही प्रशासन ने खेतों में पराली न जलाने की हिदायत दी थी। कार्रवाई की चेतावनी के बावजूद लोग नहीं मान रहे हैं। मंगलवार को शाहगढ़ ब्लॉक के किशुनदास गांव में पूरे दिन खेतों में पराली जलती रही।

कृषि विभाग के प्रभारी राजेश वर्मा के निर्देश पर विभाग की टीम एडीओ कृषि अशोक खरे व प्राविधिक सहायक अजय साहू ने मौके पहुंचकर किसान पर कार्रवाई की। अभी तक पांच किसानों पर कार्रवाई की जा चुकी है।

क्षेत्र में धान और गेहूं की खेती प्रमुख रूप से की जाती है। किसानों ने अपनी फसल को मजदूरों के बजाय कंबाइन मशीन से काटना शुरू कर दिया है। धान की कटाई के बाद बची फसल के अवशेष का निस्तारण करने के बजाय कई किसान खेतों में जला रहे हैं।

पराली जलने से इसका धुआं वातावरण के प्रदूषण में बढ़ोत्तरी कर रहा है। सांस के रोगियों को भी दिक्कत हो रही है।जिले में प्रदूषण का स्तर मापने की कोई व्यवस्था नहीं है।

सुबह 9 बजे तक रहा धुंध

कोहरे का असर कहें या फिर कुछ और, मंगलवार की सुबह गौरीगंज में जामो रोड के समीप खेतों में सुबह नौ बजे तक मौसम बदला-बदला नजर आया। आसमान पर धुंध छाई रही।

क्या कहते हैं कृषि वैज्ञानिक

कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. आरके आनंद ने किसानों को किसी भी परिस्थिति में खेतों में आग न लगाने की अपील की है।

बताया कि खेत में आग लगाने से पर्यावरण प्रदूषण होता है, वहीं खेत की मिट्टी भी खराब होती है। आग के कारण खेत में मौजूद लाभकारी केंचुआ, बैक्टीरिया व फफूंद जैसे जीव नष्ट हो जाते हैं। मिट्टी की उर्वरा

शक्तिक्षीण होती है। मिट्टी में जीवांश की मात्रा में भारी कमी होती है। इस कारण आगे चलकर उत्पादन में कमी होती है। धान की कटाई एसएमएस लगे हुए कंबाइन हार्वेस्टर से ही कराएं तथा कटाई यथासंभव नीचे से ही कराएं जिससे ठूंठ की ऊंचाई कम ही रहे।

जागरूक करने के साथ की जा रही कार्रवाई

जिला कृषि अधिकारी रविकांत सिंह ने बताया कि किसानों को खेतों में फसल अपशिष्ट जलाने से होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक किया जा रहा है। सेटेलाइट से निगरानी हो रही है। किसान यदि पराली खेत में जलाते हैं तो चिन्हित कर उनपर कार्रवाई भी की जा रही है।



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