मुसाफिरखाना (अमेठी)। स्थानीय सीएचसी के सामने स्थित एक निजी अस्पताल में 15 सितंबर को प्रसव के लिए किए ऑपरेशन के बाद प्रसूता की हालत बिगड़ गई। उसे गंभीर हालत में रेफर किया गया था। रास्ते में प्रसूता की मौत हो गई। शुक्रवार को परिजनों ने शिकायत कर अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया था। घटना को संज्ञान प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने लिया है। इसके बाद तीन सदस्यीय टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। पुलिस भी मामले की पड़ताल कर रही है।

पूरे पहलवान निवासी राम कुमार ने अपनी बहू सुमन को प्रसव के लिए 15 सितंबर एक निजी अस्पताल को भर्ती कराया था। ऑपरेशन के बाद प्रसूता की हालत बिगड़ गई, इस पर उसे लखनऊ रेफर किया गया। लखनऊ पहुंचने पर चिकित्सकों ने सुमन को मृत घोषित कर दिया था। शव का अंतिम संस्कार करने के बाद शुक्रवार को परिजनों ने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए पुलिस को शिकायती पत्र दिया था।

इस मामले का प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने संज्ञान लिया है। उन्होंने सीएमओ को तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर प्राथमिक जांच कराने का आदेश दिया। हॉस्पिटल का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित किए जाने के आदेश भी दिए हैं। प्रकरण की जांच रिपोर्ट भी एक सप्ताह के अंदर तलब की है। जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषी पाए जाने पर उक्त हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन भी निरस्त किया जाएगा।

सीएमओ डॉ. अंशुमान सिंह ने एसीएमओ डॉ राम प्रकाश, डॉ विजय गुप्ता और डॉ पीके उपाध्याय की टीम गठित की है। टीम ने अस्पताल पहुंचकर मामले की जांच शुरू कर दी है। अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज को खंगालने के साथ ही अस्पताल संचालक से भी पूछताछ की। मुसाफिरखाना कोतवाली प्रभारी विनोद सिंह ने भी मिली तहरीर के आधार पर अस्पताल पहुंचकर मामले की जानकारी ली है।

सीएमओ डॉ अंशुमान सिंह ने बताया कि उपचार में लापरवाही से प्रसूता के मौत की शिकायत मिली है। प्रकरण की जांच तीन सदस्यीय टीम से कराई जा रही है। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद नियमानुसार वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।



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