अमेठी। शैक्षिक सत्र में संचालित परिषदीय स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ने के बजाए घट गई। जागरुकता अभियान व डोर-टू-डोर संपर्क करने के बाद महज 1570 बच्चों में 1.66 लाख बच्चों का ही प्रवेश हो सका। गत वर्ष से 33 हजार बच्चे कम हो गए। शिक्षकों पर कार्रवाई के बाद भी जब नामांकन नहीं बढ़ा तो अब विभाग कारण खोजने में जुट गया है।

सत्र शुरू होने के बाद छह से 14 वर्ष के शतप्रतिशत बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए स्कूल चलो जागरुकता अभियान, डोर-टू-डोर सर्वे समेत तमाम कोशिश की गई। लेकिन, बेसिक शिक्षा विभाग वर्तमान शैक्षिक सत्र में सिर्फ एक लाख 66 हजार 281 बच्चों का ही प्रवेश कर सका है। अधिकांश बच्चे गत वर्ष परीक्षा से पास होकर अगली कक्षा में पंजीकृत है।

विभागीय आंकड़ों के अनुसार गत शैक्षिक सत्र में 1,99,421 बच्चों को शिक्षित किया गया है। इनमें से सिर्फ 31,998 बच्चें कक्षा आठ पास हुए हैं। कक्षा आठ पास होने वालों में भी 30,047 बच्चों का प्रवेश माध्यमिक कॉलेजों में हुआ है। अगली कक्षा में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या में 1,67,423 होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त कक्षा एक में प्रवेश लेने वाले बच्चों की संख्या में विभागीय आंकड़ों में 20282 है। गत वर्ष तक परिषदीय स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों का भी इस वर्ष प्रवेश या तो निजी स्कूल में हुआ है या फिर वह स्कूल से वंचित है।

विभाग के पास गत वर्ष का आंकड़ों के अनुसार 30 सितंबर तक प्रवेश कर पाना चुनौती बना है। बच्चों को शिक्षित करने के लिए विभाग निशुल्क पाठ्यपुस्तक व शिक्षा के साथ दोपहर में भोजन दे रहा है और यूनिफार्म व स्टेशनरी के 12 सौ रुपए। बावजूद इसके छात्र संख्या घटना एक बड़ा सवाल है। जिसका जवाब किसी के पास नहीं है। छात्र संख्या में सुधार नहीं हुआ तो विभाग अब कारण की तलाश में जुटा है।

कहीं आधार कार्ड की अनिवार्यता तो नहीं बना कारण

बेसिक शिक्षा विभाग के जानकारों की मानें तो आधार कार्ड अनिवार्य होने के बाद बच्चों का प्रवेश सिर्फ एक संस्था में हुआ है। जबकि अब तक लक्ष्य पूरा करने के लिए शिक्षक गांव के सभी बच्चों का प्रवेश दिखा देते थे। इस सत्र में ऐसा नहीं हो पाने से छात्र संख्या में कमी आई है। अभियान में शतप्रतिशत बच्चों का प्रवेश दिलाया जा चुका है। अब कोई बच्चा वंचित नहीं है तो कहा से प्रवेश हो। हालांकि इन सवालों का जवाब विभाग खोज रहा है। जांच के बाद सही कारणों का पता चलेगा।

30 सितंबर तक होगा प्रवेश

शिक्षक घर-घर जाकर सर्वे भी कर रहे हैं। कोई भी छह से 14 वर्ष आयु का बच्चा शिक्षा से वंचित नहीं होगा। इसकी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। कोई भी वंचित नहीं हो यह विभाग की प्राथमिकता है। 30 सितंबर तक प्रवेश कर लक्ष्य को पूरा करने की कोशिश की जा रही है।

संजय कुमार तिवारी-बीएसए



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *