अमेठी। संजय गांधी अस्पताल के निलंबित लाइसेंस मामले की उच्च न्यायालय में दाखिल याचिका पर मंगलवार को सुनवाई होगी। इसको लेकर अस्पताल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग अभिलेख जुटाने में लगा हुआ है। फिलहाल सभी की निगाहें अब न्यायालय पर टिकी हुई हैं। मुंशीगंज स्थित संजय गांधी अस्पताल में मुसाफिरखाना कोतवाली क्षेत्र के रामशाहपुर निवासी दिव्या शुक्ला का 14 सितंबर को पथरी का ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन थियेटर में बेहोशी का इंजेक्शन देने के दौरान तबीयत बिगड़ने पर दिव्या को लखनऊ ले जाया गया। जहां उसकी मौत हो गई थी। परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया गया तो स्वास्थ्य विभाग ने मामले की जांच कराई। बाद में संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस निलंबित कर सभी सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया, जिसके चलते अस्पताल बंद चल रहा है। अस्पताल में तैनात कर्मचारी सत्याग्रह कर रहे हैं।
अस्पताल प्रबंधन ने इस मामले को लेकर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। 27 सितंबर को हुई सुनवाई को सुनवाई हुई थी। सहमत नहीं होने पर उच्च न्यायालय ने तीन अक्टूबर को सुनवाई की होनी है। जिसको लेकर अस्पताल प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के अफसर तैयारी में जुटे हैं।
स्वास्थ्य विभाग को ये मिली थी खामियां
सीएमओ की ओर से गठित टीम के एसीएमओ डॉ. राम प्रसाद, डिप्टी सीएमओ डाॅ. पीके उपाध्याय व जिला संयुक्त अस्पताल के एनेस्थेटिस्ट डाॅ. अभय गोयल ने जांच की थी। बताया गया था कि मरीज दिव्या शुक्ला को 14 सितंबर 2023 को समय 12:30 बजे जनरल एनेस्थिसिया दी गई। अभिलेखों के अनुसार पूर्व की जांचों में मरीज दिव्या की स्थिति सामान्य थी। मरीज के प्री एनेस्थेटिस्ट संबंधित कोई प्रमाण नहीं पाए गए। जबकि निश्चेतक द्वारा बताया गया कि उनके द्वारा मरीज की प्री एनेस्थेटिस्ट जांच की गई थी।
पाया गया कि मरीज को जनरल एनेस्थिसिया देने के कारण गंभीर स्थिति होने पर मरीज को 80 मिनट बाद दोपहर 01:50 बजे आईसीयू में भर्ती किया गया। मरीज की गम्भीर स्थिति होने पर तत्काल आईसीयू में भर्ती किया जाना जरूरी था। पाया गया कि उस 80 मिनट में किसी विशेषज्ञ चिकित्सक द्वारा मरीज का उपचार नहीं किया गया। टीम ने चेस्ट फिजिशियन डाॅ.शुभम द्विवेदी के बयान को आधार माना है, जिसमें उन्होंने मरीज को दोपहर एक बजे से दो बजे के बीच में आपरेशन थियेटर में मिलने की बात कही है।
अभिलेखानुसार एमआईसीयू में डाॅ. शुभम द्विवेदी द्वारा दोपहर 02.30 बजे मरीज का इलाज प्रारम्भ किया गया। अभिलेखानुसार हार्टअटैक आया, जिसकी ईसीजी 15 सितंबर को दोपहर 01:34 बजे की गई। हार्ट अटैक आने पर मरीज की जान बचाने के लिए एक घंटा गोल्डन पीरियड होता है, जिसमें कार्डियोलॉजिस्ट का परामर्श आवश्यक होता है, जो कि चिकित्सालय प्रशासन द्वारा नहीं किया गया।
टीम ने रिपोर्ट में लिखा है कि हार्ट अटैक आने के उपरांत लगभग 12 घंटे बाद 16 सितंबर 2023 को प्रातः 01:50 बजे हायर सेन्टर मेदान्ता, लखनऊ के लिए रेफर किया गया। चिकित्सालय में इस दौरान हार्ट अटैक के उपचार से संबंधित कोई कार्डियोलॉजिस्ट / एमडी मेडिसिन की व्यवस्था नहीं थी, परन्तु चिकित्सालय प्रशासन द्वारा मरीज की अत्यंत गम्भीर स्थिति के उपरान्त रेफर करने में विलंब किया गया। स्वास्थ्य टीम ने इस आधार पर कार्रवाई की है।
अस्पताल के एडमिन मैनेजर सुरेश सिंह राजपूत ने कहा कि मंगलवार को मामले की सुनवाई होगी। न्यायालय में सभी अभिलेख प्रस्तुत किए जाएंगे। न्यायालय पर उन्हें पूरा भरोसा है, जल्द ही अस्पताल का संचालन शुरू होगा।
सीएमओ डॉ अंशुमान सिंह ने कहा कि न्यायालय की ओर से जो भी अभिलेख मांगे गए हैं। उसे तैयार कराकर भेजा जा रहा है।
बाधाओं से हम नहीं होंगे विचलित, जारी रहेगा संघर्ष
– संजय गांधी अस्पताल कर्मचारियों का सत्याग्रह जारी
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अमेठी। मुंशीगंज स्थित संजय गांधी अस्पताल संचालन बंद होने के बाद कर्मचारियों का सत्याग्रह छठें दिन रविवार भी जारी रहा। कर्मियों ने कहा कि हम सभी बाधाओं से विचलित नहीं होंगे, हमारा संघर्ष अंतिम सांस तक जारी रहेगा।
ज्वाइंट फोरम ऑफ डाॅक्टर्स पैरामेडिकल स्टॉफ एवं कान्ट्रैक्ट वर्कर्स ऑफ संजय गांधी अस्पताल बैनर तले कर्मचारी सत्याग्रह अनशन कर रहे हैं। रविवार को जारी विज्ञप्ति में वरिष्ठ कर्मचारी अरविंद श्रीवास्तव और यूनियन अध्यक्ष संजय सिंह ने बताया कि अस्पताल को बदनाम करने की साजिश की जा रही है। पीड़ित परिजनों से इलाज के नाम पर 70,000 रुपए लेने और मरीज को छोड़कर भागने का आरोप निराधार है।
बताया कि पीड़ित परिवार के साथ हम सभी की पूरी संवेदना है। मृतका दिव्या के परिजन कुल करीब 17000 रुपए ही जमा किए थे। पीड़ित परिवार की परेशानी को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने पीड़ित परिवार को अस्पताल एवं लखनऊ में भी सहायता उपलब्ध कराई गई। अस्पताल का स्टाफ लखनऊ तक साथ गया। कहा कि इस पर राजनीति करने के बजाय पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता सरकार की ओर से दिलाई जाए।
कहा है कि कर्मचारी एवं क्षेत्र की जनता और मरीज के हित देखते हुए अस्पताल का संचालन कराया जाना चाहिए। इस मौके पर संजय सिंह, अरविंद श्रीवास्तव, विनोद कुमारी सिंह, विपिन श्रीवास्तव, अवधेश तिवारी, अनिल शुक्ल, शिवांशु, मंजू नायर, शिव प्रकाश, साधना, कामाख्या, गुड्डी देवी समेत कर्मचारी संघ पैरामेडिकल स्टाफ नर्सिंग स्टाफ समेत कॉन्ट्रैक्ट वर्कर मौजूद रहे।
जनता के साथ न्याय संगत नहीं
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भादर (अमेठी)। स्थानीय कांग्रेस ब्लाॅक अध्यक्ष संजय यादव की अगुवाई में कांग्रेसियों ने अयोध्या नगर, पीपरपुर, इस्माइलपुर, कल्याणपुर आदि बाजार व गांवों में पर्चा बांटकर संजय गांधी अस्पताल बंद किए जाने का विरोध जताया। कहा कि अस्पताल बंद किया जाना जनता के साथ न्याय संगत नहीं है। अमेठी के विकास में सांसद बाधक बन रही हैं। अस्पताल संचालन शुरू होने तक संघर्ष जारी रहेगा। इस मौके पर कांग्रेस प्रवक्ता डाॅ.अरविंद चतुर्वेदी, पवन दूबे, लाल माधव सिंह, अमित कुमार व विनोद कुमार कनौजिया आदि मौजूद रहे। संवाद
दिव्या के समर्थन में चलाया अभियान
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अमेठी। मृतका दिव्या शुक्ल व पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए अधिवक्ता कालिका प्रसाद मिश्र की अगुवाई में जन आंदोलन की शुरुआत की गई। रविवार को मुसाफिरखाना में पर्चा बांटकर समर्थन देकर न्याय दिलाने की अपील की गई। कहा कि पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता, दोषियों पर कार्रवाई आदि मांगे पूरी होने तक अभियान चलेगा। संवाद
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चिकित्सीय सेवा बंद करने के बजाय बढ़ानी चाहिए
– पूर्व मंत्री व भाजपा नेता ने जांच कर कर अस्पताल संचालक की रखी बात
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संवाद न्यूज एजेंसी
अमेठी। खेल महोत्सव कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री व भाजपा नेता डॉ संजय सिंह ने संजय गांधी अस्पताल प्रकरण मामले में अस्पताल संचालन कराए जाने का समर्थन किया।
उन्होंने कहा कि पूरे क्षेत्र को दुख है कि हमारे अपने परिवार की बेटी की जान गई है इसे नकारा नहीं जा सकता है सभी को कष्ट है। इस विषय पर जांच कर कर दोषियों को दंड मिलना चाहिए। कहा कि सरकार को चिकित्सा चिकित्सा सेवाएं बढ़नी चाहिए ना की घटाना या बंद करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मामले के संबंध में वे मुख्यमंत्री को पत्र लिखेंगे। जिसमें मामले की जांच कर कर दोषी चिकित्सकों को दंड और पीड़ित परिवार की सहायता दिलाने की मांग करेंगे। उन्होंने कहा कि अस्पताल बंद नहीं होना चाहिए।