अमेठी। सर्द मौसम के बीच हृदय रोग के भी मरीज बढ़ने लगे हैं। रविवार को हार्ट अटैक से बीमार एक मरीज की मौत हो गई। चिकित्सकों के मुताबिक ओपीडी में बुखार व सर्दी के साथ ही हृदय रोग के भी मरीज आने लगे हैं। प्रतिदिन हृदय रोग की समस्या से ग्रसित 10 मरीज आ रहे हैं।
ताला गांव के रामदेव मिश्र (67) की तबीयत शनिवार की रात एकाएक खराब हुई। परिजन उन्हें जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। चिकित्सकों ने हार्ट अटैक की बात कहते हुए उन्हें लखनऊ रेफर कर दिया। भाई राजेंद्र मिश्र ने बताया कि उन्हें लखनऊ के लाॅरी अस्पताल ले जाया गया, जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई।
दरअसल, सर्दी के साथ हृदय रोग के मरीज भी बढ़ने लगे हैंं। जिला अस्पताल के फिजीशियन डॉ. अमित का कहना है कि मौसम में बदलाव हो रहा है। बुखार व सर्दी के साथ हृदय रोग के मरीज बढ़ने लगे हैं। वह कहते हैं कि 100 मरीजों की ओपीडी में 10 मरीज हृदय रोग की समस्या वाले होते हैं। ऐसे में लोगों को स्वास्थ्य के प्रति विशेष सजगता बरतने की आवश्यकता है।
क्यों बढ़ती है समस्या
फिजीशियन डॉ. अमित यादव ने बताया कि सर्दी बढ़ने के साथ दिल के रोगियों की परेशानी भी बढ़ने लगती है। सर्दी में ऑक्सीजन की कमी रहती है, जिससे रक्त वाहनियां संकरी हो जाती हैं। दिल के रोगियों की तकलीफ बढ़ जाती है।
ब्लड प्रेशर सामान्य से कुछ ज्यादा रहता है, जो दिल के रोगियों के लिए परेशानी का सबसे बड़ा कारण है। जिन लोगों का कॉलेस्ट्रॉल बढ़ा रहता है उनके लिए यह मौसम खतरनाक होता है। दिल के मरीजों में घबराहट, हाई ब्लड प्रेशर, सीने में दबाव या जकड़न बढ़ जाती है। ऐसे में सांस फूलने की शिकायत को इस मौसम में नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। सांस फूलने की परेशानी फेफड़ों में इंफेक्शन से भी हो सकती है।
इनका रखें ध्यान
जिला अस्पताल के फिजीशियन डॉ. शुभम पांडेय का कहना है कि शरीर का वजन न बढ़ने दें। तनाव को दिमाग पर हावी न होने दें।
मौसमी फलों और हरी सब्जियां भरपूर मात्रा में खाएं। पानी का सेवन पर्याप्त मात्रा में करें।
हार्ट अटैक के लक्षण
-छाती में दर्द
-सांस की दिक्कत
-थकान और घबराहट
-ज्यादा पसीना आना
-मोटापा, शुगर रोग
-पैर में सूजन रहना
-हाई कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर
ऐसे करें बचाव
-ठंड में ज्यादा से ज्यादा गरम कपड़े पहनें।
-सिर और मुंह को ढक कर रखें।
-भोर में उठकर स्नान करने से बचें।
-गुनगुना पानी पिएं, ऐसे ही पानी से नहाएं।
-घर में रहकर ही हल्का व्यायाम करें।
-कम से कम दो घंटा धूप का आनंद लें।
-दोपहिया सवार हेलमेट अवश्य पहनें।
-ठंडे पेय पदार्थों को सेवन न करें।
-तैलीय भोजन और जंक फूड न खाएं।