
प्रशिक्षण में मौजूद एसपी व अन्य
अमेठी। शहर स्थित फायर स्टेशन में साइबर सेल में नामित कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया। दो दिवसीय प्रशिक्षण के अंतिम दिन मास्टर ट्रेनर ने साइबर अपराध के निस्तारण एवं विवेचना में इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य संकलन की बताई विधि बताई। प्रशिक्षण के अंतिम दिन सोमवार को साइबर विशेषज्ञ संजय मिश्र ने फेसबुक, ई-मेल से धमकी देने, ब्लैकमेल करने वाले लोगों का पता लगाने का तरीका समझाया। ऑनलाइन जालसाजी, इंटरनेट से धमकी के साथ सोशल मीडिया के जरिए अफवाह फैलाने की घटनाएं रोकने के साथ ई-मेल से मिलने वाली धमकी, फेसबुक, व्हाट्सएप पर होने वाले दुष्प्रचार को रोकने और इसमें शामिल लोगों तक पहुंचने का तरीका पुलिसकर्मियों को बताया।
साइबर अपराध के प्रकार, फर्स्ट रिस्पांडर (पहली प्रतिक्रिया) तथा त्वरित कार्रवाई करने के बारे में जानकारी देते हुए साइबर अपराध के निस्तारण एवं विवेचना में इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य संकलन करने की प्रक्रिया के कई तरीकों को बताया गया।
एसपी डॉ. इलामारन जी ने विभिन्न तरह के साइबर अपराध के बारे में उदाहरण सहित विस्तृत जानकारी दी। बताया कि साइबर अपराधी का पता लगाने को यूजर आईडी का पता लगाना बेहद जरूरी होता है। इसकी प्रक्रिया का पालन करेंगे तो इंटरपोल यूजर आईडी का पता लगाकर बता देगा। कहा कि सामान्य तौर पर लोगों को साइबर अपराध के बारे में जानकारी व जागरूकता कम होती है। इसका शिकार होने के बाद लोग पुलिस के पास आते हैं। ऐसे में पुलिस का कर्तव्य है कि उनकी शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करें। जहां तक और जितनी जल्दी संभव हो, उनकी समस्या का निराकरण कराएं। इस मौके पर एएसपी हरेंद्र कुमार समेत सभी सीओ व साइबर सेल में नामित कर्मी मौजूद रहे।