
तैयार की गई नर्सरी
गौरीगंज(अमेठी)। धरा पर हरियाली लाने के लिए जिले की 682 ग्राम पंचायतों में ग्राम वन की स्थापना की जाएगी। सभी ग्राम पंचायतों में एक हेक्टेयर भूमि पर विभिन्न प्रजातियों के 1500 पौधे रोपित किए जाएंगे। पौधरोपण के लिए जमीन चिह्नित करने की जिम्मेदारी पंचायतों को दी गई है। इसके बाद वहां पर पौध रोपित उनके संरक्षण की जिम्मेदारी भी संबंधित ग्राम पंचायत की होगी।उत्तर प्रदेश क्लाइमेट चेंज एक्शन प्लान के तहत हुए सर्वे में पर्यावरण की दृष्टि से अमेठी को संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है। इस स्थिति से निपटने व पर्यावरण संरक्षण बेहतर बनाने के लिए वन विभाग लगातार अभियान चलाकर पौधरोपण करने में जुटा है। एक से सात जुलाई तक जनजागरूकता कार्यक्रम के साथ वन विभाग 24 विभाग के सहयोग से 45.06 लाख पौधे रोपित करने की तैयारियों में जुटा है।
चारों निकाय में नंदन वन स्थापना की दिशा में भी काम किया जा रहा है। अब जिले के 682 ग्राम पंचायतों में ग्राम वन तैयार किया जाएगा। ग्राम वन की स्थापना के लिए भूमि चिन्हित करने के साथ ही पौधरोपण की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत को दी गई है। चिन्हित भूमि पर विभिन्न प्रजाति के 1500 पौधे रोपित कर उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी ग्राम पंचायत को दी गई है। इतना ही नहीं प्रशासन गांव में तैयार अमृत सरोवर के बंधे पर भी पौध रोपित कर हरा-भरा करने की योजना पर काम कर रहा है। ऐसे में अमृत सरोवर के तट पर पौध रोपित होने से लोगों को मनोरंजन के साथ प्राकृतिक आनंद मिलेगा तो पर्यावरण व जलसरंक्षण के प्रति लोग प्रोत्साहित भी होंगे।
अमृत सरोवर पर भी स्थानीय प्रजाति के औषधीय महत्व के पौधे रोपित किए जाएंगे। रोपण के दौरान एक पौधे की दूसरे पौधे की दूरी करीब नौ मीटर होगी। तालाब के तटों पर पौधे रोपित होने व तैयार होने से धरा पर जीवनदायिनी ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ेगी।
इनसेट
इन प्रजाति के पौधों को तैयार करने की योजना
782 ग्राम पंचायतों में ग्राम वन में पीपल, बरगद, पाकड़, गूलर, नीम, सहजन, देशी आम, जामुन के साथ अमरुद, आंवला, इमली के पौधे रोपित किए जाएगेे। इसके अतिरिक्त बांस समेत ईंधन में प्रयोग करने वाले पौधों रोपित करने की भी योजना है।
भूमि चिन्हित होने के बाद होगा पौध रोपण
ग्राम पंचायतों में गांव वन स्थापना की योजना बनाई गई है। सभी ग्राम पंचायतों को सुरक्षित भूमि चिन्हित कर पौध रोपण का प्रस्ताव तैयार पौधों की डिमांड करने को कहा गया है। ग्राम वन की स्थापना व सुरक्षा की जिम्मेदारी संबंधित ग्राम पंचायत की होगी। वन विभाग की ओर से नियमानुसार पौध उपलब्ध कराया जाएगा।
डीएन सिंह-प्रभागीय वनाधिकारी