...let these wandering spirits turn

कविताएं प्रस्तुत करते हुए कवि।

अमेठी। शहर स्थित आरआरपीजी कॉलेज के संस्थापक राजर्षि रणंजय सिंह की 123वीं जयंती पर शनिवार को विविध कार्यक्रम हुए। दोपहर बाद कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। जिसमें बतौर मुख्य अतिथि संस्थान के अध्यक्ष पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. संजय सिंह और पूर्व मंत्री डॉ. अमिता सिंह शामिल हुईं। राजर्षि की जयंती पर आयोजित कवि सम्मेलन में कवियों ने अपनी विभिन्न रचनाओं के माध्यम से श्रृंगार हास्य व्यंग वीर रस से युक्त रचनाओं को पढ़ा। कवि अभिजित त्रिपाठी ने मुंड काटते रहे शत्रु का, पलभर राणा रुके नहीं, जगदंबा के सिवा किसी के आगे राणा झुके नहीं’ व मैं राजधर्म आदर्शों का आयाम नहीं बन पाऊंगा, वचनबद्ध प्रारंभों का अंजाम नहीं बन पाऊंगा, कोटि-कोटि सत्कर्मों का मैं धाम नहीं बन पाऊंगा, तुम सीता मत बनो प्रिये मैं राम नहीं बन पाऊंगा’ जैसी रचनाएं सुनाकर लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया।

कवियत्री रश्मि रागिनी ने अपनी रचना हौसलों की दीवारों को जुड़ जाने दो, इन बहकती फिजाओं को मुड़ जाने दो, मेरे अरमानों को न करो कैद तुम, बंदिशें तोड़कर मुझको उड़ जाने दो’ पढ़कर लोगों की वाहवाही बटोरी। दिवस प्रताप सिंह ने सवाल करना हम अगर छोड़ देंगे, कुछ दिन में ये परिंदे नगर छोड़ देंगे’ तो शायर शिव भानु कृष्णा ने यारों की दोस्ती पे जां निसार करता हूं, हां ये सच है मैं अपनी मां से प्यार करता हूं’ पढ़कर खूब तालियां बटोरीं। कवि विकास विश्व ने अमेठी की सुरमई सी शाम हो जाऊं, तुमसे गर मैं मिल जाऊं सिया का राम हो जाऊं’ पढ़ा।

कवि सम्मेलन में राम किशोर तिवारी किशोर, तेजभान सिंह, रवि प्रजापति अबोध, अजय जायसवाल अनहद व प्रमोद द्विवेदी ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं। कवि सम्मेलन से पहले प्राचार्य प्रो. पीके श्रीवास्तव, पूर्व प्राचार्य डॉ. त्रिवेणी सिंह, प्रो. रामसुंदर यादव, प्रो ओमशिव पांडेय, प्रो. अशोक कुमार सिंह, प्रो. राधेश्याम त्रिपाठी आदि ने राजर्षि की प्रतिमा को माल्यार्पण करने के साथ हवन पूजन किया।

आयोजित हुई मतदाता जागरूकता गोष्ठी

आरपीजी कॉलेज के राजनीति विज्ञान विभाग की ओर से शनिवार को मतदाता जागरूकता संगोष्ठी आयोजित हुई। मुख्य वक्ता डॉ. गौरव त्रिपाठी ने कहा, यदि नागरिक अपने अधिकारों को बनाए रखना चाहते हैं तो सभी को मतदान करना चाहिए। मनीषा सिंह ने कहा निर्वाचन विभाग का स्वैप कार्यक्रम इस बात का प्रमाण है कि हम जागरूक नहीं हुए हैं। आज हमें यूरोपीय देशों से यह सीखने की जरूरत है कि मतदान को हम कर्तव्य समझें।

कार्यक्रमाध्यक्ष प्राचार्य प्रो. डॉ. पीके श्रीवास्तव ने विद्यार्थियों से अपील की कि आप स्वयं व अपने संबंधियों को मतदान के लिए जागरूक करें। किसी भी प्रलोभन में न फंसें। कार्यक्रम को प्रो. ओम शिव पांडेय, डॉ. मेराज खां, डॉ. आशीष शुक्ल ने भी संबोधित किया। इस मौके पर डॉ. अजीत कुमार उपाध्याय, डॉ. केसरी शुक्ल, दुर्गेश शुक्ल, डॉ. रितु मिश्रा, चंद्र प्रताप सिंह, खुशी सिंह, अभिषेक, सपना, हर्षिता, शुचि मिश्रा व अंतिमा सिंह आदि मौजूद रहे।



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