Didn't get treatment even after traveling 100 kms

संजय गांधी अस्पताल अमेठी इलाज कराने पहुंचे बुजुर्ग मरीज

अमेठी। तमाम मरीज जानकारी के अभाव में प्रतिदिन संजय गांधी अस्पताल आ रहे हैं, लेकिन उन्हें अस्पताल बंद होने की सूचना से मायूसी हाथ लगती है। बता दें कि मुसाफिर खाना की महिला की मौत के बाद संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस कैंसिल कर दिया गया है। शनिवार को विधानसभा गौरीगंज क्षेत्र के बुजुर्ग नासिर अपनी पत्नी के साथ अस्पताल में दावा करने आए थे। अस्पताल से उनका उपचार चल रहा है। जब वह अस्पताल पहुंचे तो उन्हें जानकारी मिली कि अस्पताल बंद है तो वह मायूस गए।

प्रयागराज के शीतला प्रसाद ओझा ने बताया कि अपनी मां सरस्वती देवी का वह इलाज करा रहे हैं। 100 किलोमीटर चल कर वह यहां दिखाने आए थे, लेकिन अस्पताल बंद है। कहा कि अस्पताल बंद होना गलत है इससे मरीजों का हित प्रभावित हो रहा है। अस्पताल का संचालन होना चाहिए। वही शाहबरी निवासी शिव प्रसाद अपने पिता और स्वयं का भी इलाज कराने अस्पताल आए थे लेकिन बंद होने की जानकारी के बाद वह मायूस हो गए।

उन्होंने कहा कि अब यहां से आराम मिला है अब इसके बाद फिर या तो डॉक्टर बदले या अस्पताल खुलने का इंतजार करें समझ में नहीं आ रहा है। मरीज शिव दुलारे ने बताया कि उनके पैर का इलाज चल रहा है। आराम मिला है चिकित्सक को दिखाना था लेकिन अस्पताल बंद है ऐसे में अब वह पुरानी पर्चे की दवा ले या किसी और को दिखाएं समझ में नहीं आ रहा है।

जायस निवासी अरविंद ने बताया कि उनकी मां अस्पताल की एमआईसीयू में 17 सितंबर से भर्ती हैं। मां की हालत गंभीर है आर्थिक की स्थिति भी इतनी अच्छी नहीं है। बाहर बड़े अस्पताल में ले जाएं। अस्पताल से बाहर निकलना खतरे से खाली नहीं है। यहां उपचार बेहतर चल रहा है। प्रतापगढ़ के सांगीपुर से आई विद्यावती ने बताया कि चिकित्सक को दिखाना था लेकिन अस्पताल बंद होने से वह मायूस होकर वापस लौट गई। गौरीगंज की विमला ने बताया कि उनकी गर्भवती बहू का उपचार यहां से चल रहा है। चिकित्सक को दिखाना था लेकिन अस्पताल बंद है।



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