अमेठी। जन्म और मृत्यु की सभी घटनाओं का अनिवार्य रूप से पंजीकरण किया जाय। संस्थागत मृत्यु मामलों में मृत्यु के कारणों का भी विवरण जुटाया जाएगा। साथ ही 21 दिन में जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने को कहा गया है। कलेक्ट्रेट सभागार में बुधवार को डीएम राकेश कुमार मिश्र की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक हुई। बैठक में सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम, सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम, जनगणना, मैप के संबंध में चर्चा की गई। डीएम ने देरी से हो रहे जन्म-मृत्यु पंजीकरण की समस्या को दूर करने का निर्देश जिम्मेदारों को दिया।
कहा कि मृत्यु पंजीकरण पर भी विशेष ध्यान देते हुए जन्म-मृत्यु पंजीकरण कार्य को गंभीरता पूर्वक समय से पूरी करना सुनिश्चित करें। बैठक में पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से उप महरजिस्टार एमके चौधरी ने प्रस्तुतीकरण किया गया। जन्म एवं मृत्यु के सभी घटनाओं का शत प्रतिशत पंजीकरण करने की बात कही।
सीडीओ सान्या छाबड़ा ने अधिकारियों से कहा कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान कम से कम एक जन्म-मृत्यु पंजीकरण इकाई का निरीक्षण कर मॉनिटर करने को कहा। पंचायत भवनों व निकाय कार्यालय पर जन्म-मृत्यु पंजीकरण संबंधी बोर्ड लगवाने को कहा। जन्म प्रमाण पत्र व्यक्ति को पहचान, पासपोर्ट, नागरिकता, स्कूल में प्रवेश में जरूरी है। मृत्यु प्रमाण पत्र संपत्ति, बीमा आदि लाभ, वरासत, मृतक आश्रित लाभ के लिए जरूरी है।
एडीएम अर्पित गुप्ता ने कहा कि देरी से हो रहे जन्म-मृत्यु पंजीकरण की समस्या को जल्द दूर किया जाए, इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। सभी नामित रजिस्टर सुनिश्चित करें कि जन्म-मृत्यु पंजीकरण सही व प्रभावी तरीके से हो।
बैठक में डीडीओ तेजभान सिंह, सीएमएस डॉ. बद्री प्रसाद अग्रवाल, एसीएमओ डॉ. रामप्रसाद, डीपीआरओ श्रीकांत यादव, बीएसए संजय तिवारी, जनगणना कार्य निदेशालय सांख्यिकीय अन्वेषक ग्रेड-1 कुमार सत्यम, डीपीओ संतोष श्रीवास्तव समेत अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।