बाजार शुकुल (अमेठी)। मोहना पश्चिम में सोमवार को लगी चकबंदी विभाग की ग्राम अदालत में 1992 से चल रहा मुकदमा पेश हुआ। गांव की आसमा बानो का बैनामा नामांतरण व हिस्सेदारी का मुकदमा वर्ष 1992 से पहले तहसील में चल रहा था। बाद में चकबंदी में चला गया था। सोमवार को ग्राम अदालत में इस मुकदमे का निस्तारण किया गया।

छोटे-छोटे जोत एकत्र कर किसानों को खेती किसानी में सुविधा देने व चक मार्ग समिति अन्य के लिए भूमि सुरक्षित करने को चकबंदी प्रक्रिया की जाती है। इस दौरान विभिन्न प्रकार के वाद अदालत में लंबित रहते हैं। ऐसे में चकबंदी न्यायालय में विचाराधीन वादों के त्वरित निस्तारण के लिए सोमवार को मुसाफिरखाना तहसील के महोना पश्चिम गांव में अदालत लगाई गई।

ग्राम अदालत में चिह्नित महोना पश्चिम गांव से संबंधित 150 वाद सुनवाई के लिए लगाए गए थे। इस दौरान बंदोबस्त अधिकारी केलकर सिंह ने चकबंदी अधिकारी सुभाष तिवारी, सहायक चकबंदी अधिकारी नीरज कटियार,चकबंदी कर्ता कुलदीप, लेखपाल सुभाष चंद्र कौशल, के साथ अदालत लगाई। अफसर ने अदालत के लिए चिन्हित 150 में 123 वादों का निस्तारण किया। जबकि शेष वादों निस्तारण के लिए साक्ष्य अग्रिम तारीख तक मांगा गया है।

गांव में मिला न्याय तो खुश हुए किसान

गांव में खुली अदालत लगने से महोना पश्चिम निवासी शिवप्रसाद काफी खुश दिखे। बताया कि गांव में अदालत लगने से लोगों को तहसील और जिला के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। अपने गांव में ही लोगों को न्याय मिला।

इसी गांव के रहने वाले रविन्द्र शुक्ला का कहना है कि काश्तकारों को काफी सहूलियत मिली। धन और भाग दौड़ बची, साथ ही समय से न्याय मिला। शकील अहमद का कहना है कि छोटे-छोटे बंटवारों के लिए अदालत के चक्कर लगाने से छुट्टी मिली गांव में निस्तारण हो गया, इस तरह की अदालत गांव में लगनी चाहिए।



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