गौरीगंज (अमेठी)। जिले के शाहगढ़ विकास खंड के राजकीय प्रक्षेत्र लोहंगपुर व जगदीशपुर के कृषि विज्ञान केंद्र कठौरा में 3.24 करोड़ रुपये की लागत से हाईटेक नर्सरी बनाई जाएगी। मनरेगा के तहत एक नर्सरी को तैयार करने में एक करोड़ 62 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। इसमें सब्जियों की नर्सरी तैयार की जाएगी। हाईटेक नर्सरी में वर्षभर में 16 लाख पौध तैयार होंगे। जिसकी बिक्री जिले की बाजारों में की जाएगी।

उद्यान विभाग की ओर से निर्धारित मानक के अनुसार इजराइली तकनीक से हाईटेक नर्सरी बनाई जाएगी। नर्सरी की देखरेख ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत समूह, विलेज ऑर्गनाइजेशन के सदस्यों की तरफ से किया जाएगा। नर्सरी में पौध व उन्नतिशील बीज उद्यान विभाग की और से उपलब्ध कराया जाएगा। उद्यान विभाग के अनुसार एक हेक्टेयर में यह नर्सरी बनाई जाएगी। इसके लिए सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गईं हैं। जल्द ही हाईटेक नर्सरी को तैयार करने के लिए कार्यदायी संस्था मेसर्स सील बायोटेक कंपनी दिल्ली को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। कंपनी की ओर से सभी औपचारिकताएं पूर्ण कर ली गईं हैं। जल्द ही इसका निर्माण प्रारंभ कर दिया जाएगा। नर्सरी में टमाटर, कद्दू वर्गीय, मिर्च, शिमला मिर्च, गोभी (फूल, पत्ता), बैंगन आदि सब्जियों की पौध तैयार की जाएगी।

ऐसे मिलेगा लाभ

हाईटेक नर्सरी से प्राप्त होने वाली आय का 80 प्रतिशत समूह को मिलेगा। वहीं 20 प्रतिशत उद्यान विभाग नर्सरी के मेंटीनेंस पर खर्च करेगी। नर्सरी में उत्पादित पौधों की बिक्री स्थानीय स्तर पर इच्छुक किसानों, क्षेत्रीय स्तर पर कृषक उत्पादन संगठनों के साथ ही आस पास के बाजारों में की जाएगी। उच्च क्वालिटी के बीजों से तैयार पौध से किसानों को काफी लाभ मिलेगा।

हाईटेक नर्सरी में होगी यह व्यवस्था

नर्सरी में पौध तैयार करने के लिए ट्रे में पौध रोपित किए जाएंगे। इसके साथ ही नेट हाउस, सिंचाई सुविधा, हाईटेक ग्रीन हाउस आदि की अवस्थापना सुविधाएं सृजित की जाएंगी।

समूह के सदस्यों को मिलेगा रोजगार

नर्सरी की देखरेख करने के लिए समूह को जिम्मेदारी दी गई है। समूह के सदस्य नर्सरी का काम देखेंगे, जो पौधों की सिंचाई, रोग, खाद-बीज आदि का जिम्मा संभालेंगे। इसके लिए 19 मई 2023 को साधना स्वयं सहायता समूह बनभरिया की महिलाओं को कठौरा स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है।

जल्द होगा निर्माण

हाईटेक नर्सरी की स्वीकृत मिल चुकी है। इस वर्ष नर्सरी संचालित हो जाएगी। मेसर्स सील कंपनी को जिम्मेदारी दी गई है। हाईटेक नर्सरी बनने से किसानों को लाभ मिलेगा। किसान उन्नतिशील पौध लगाकर अपनी आय में वृद्धि सकेंगे।

– रणविजय सिंह, जिला उद्यान अधिकारी



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