गौरीगंज (अमेठी)। शिक्षकों के जनपदीय तबादले में रिश्वत खोरी का एक बड़ा मामला सामने आया है। आवेदन के साथ अपलोड किए शिक्षक की पत्नी के असाध्य रोग से ग्रसित होने के प्रमाण पत्र को सीएमओ से प्रति हस्ताक्षरित कराने के लिए विभाग में संविदा पर कार्यरत फिजियोथेरेपिस्ट ने 35 हजार रुपये की रिश्वत ली। इसके बाद फर्जी हस्ताक्षर बनाकर प्रमाण पत्र दे दिया। जांच में सीएमओ के हस्ताक्षर फर्जी मिले तो हेराफेरी का खुलासा हुआ। अब फिजियोथेरेपिस्ट संतोष सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया है।

परिषदीय स्कूल में कार्यरत शिक्षकों के अंतर जनपदीय स्थानांतरण के लिए शिक्षकों से ऑनलाइन आवेदन मांगा गया था। इसमें कैंसर, ह्रदय रोगी, डायलिसिस, गुर्दा प्रत्यारोपण समेत अन्य गुर्दा रोग सहित अन्य विभिन्न गंभीर बीमारियों से ग्रसित शिक्षकों को ट्रांसफर में वरीयता देने की बात कही गई।

शिक्षकों ने आवेदन के साथ प्रमाण पत्र अपलोड किया। आवेदन प्रक्रिया पूरी होने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने जांच कराई तो पांच शिक्षकों की ओर संलग्न असाध्य रोग प्रमाण पत्र फर्जी मिले। इन शिक्षकों को नोटिस जारी की गई थी। इसके बाद फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है।

बाजारशुकुल के प्राथमिक स्कूल काजीपुर में कार्यरत मुरादाबाद निवासी शिक्षक तैय्यब खान ने पत्नी हनीफा बेगम के ह्दय रोग ग्रसित होने का प्रमाणपत्र लगाया। सीएमओ मुरादाबाद से जारी पत्नी के असाध्य रोग प्रमाण पत्र को अमेठी जिले के सीएमओ से प्रतिहस्ताक्षरित कराने के नाम पर फिजियोथेरेपिस्ट ने 35 हजार रुपये की मांग की।

इसके बाद शिक्षक ने ऑनलाइन पैसे भेजे। प्रमाणपत्र पर सीएमओ का फर्जी हस्ताक्षर करके उसे दे दिया। उसने उसे अपलोड कर दिया। उसका स्थानांतरण भी हो गया लेकिन, रिलीविंग से पहले नोटिस मिली तो उसके मामले की जानकारी हुई।

इस मामले में शिक्षक तैय्यब खान की तहरीर पर गौरीगंज थाने में संतोष सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम समेत विभिन्न गंभीर आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया है। कोतवाल अखंड देव मिश्र ने बताया कि आरोपी फिजियोथेरेपिस्ट संतोष सिंह को हिरासत में ले लिया गया है। पूरे मामले की जांच सीओ कर रहे हैं।

एसपी डॉ. इलामारन जी. का कहना है कि मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जांच चल रही है।

शिकायत हुई तो वापस कर दिए 30 हजार

सीएमओ के फर्जी हस्ताक्षर का मामला सामने आने के बाद जब विभाग ने नोटिस जारी किया तो शिक्षक ने अधिकारियों को जानकारी दी। इसके बाद फिजियोथेरेपिस्ट संतोष सिंह ने ऑनलाइन ही शिक्षक के खाते में 30 हजार रुपये वापस भी कर दिए।

कहीं कोई रैकेट तो नहीं

अंतर जनपदीय स्थानांतरण के आवेदन में चार और फर्जी असाध्य रोग प्रमाण पत्र मिले थे। इन सभी की जांच शुरू हो गई है। पुलिस हिरासत में लिए गए फिजियोथेरेपिस्ट से पूछताछ कर रही है। इसमें बेसिक शिक्षा विभाग के कई कर्मचारियों की कारगुजारी सवालों के घेरे में है।आरोपी के विभागीय कर्मी होने के कारण पुलिस हर एक की भूमिका की जांच कर रही है। सीओ मयंक द्विवेदी ने बताया कि साक्ष्य संकलन की कार्रवाई की जा रही है।

शिक्षक से असाध्य रोग प्रमाण पत्र प्रतिहस्ताक्षरित करने के नाम पर फिजियोथेरेपिस्ट पर सुविधा शुल्क लेने का मामला प्रकाश में आया है। केस भी दर्ज कराया जा चुका है। पूरे प्रकरण से उच्चाधिकारियों को अवगत कराते हुए विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया गतिमान है। संबंधित के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।संजय तिवारी, बीएसए अमेठी

प्रकरण संज्ञान में है। एक शिक्षक ने इसकी शिकायत की थी, सीडीओ सान्या छाबड़ा खुद प्रकरण की जांच कर रही हैं। राकेश कुमार मिश्र, डीएम अमेठी



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