
जनाजा रखकर विलाप कर विरोध प्रदर्शन करते गैर शिक्षक कर्मचारी
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अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के गैर शिक्षणेत्तर कर्मचारियों ने मांगें न माने जाने पर एएमयू प्रशासन की प्रतीकात्मक शव यात्रा निकाली। कर्मचारियों ने एएमयू प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।
21 नवंबर सुबह 10 बजे कर्मचारियों ने कुलपति कार्यालय के सामने एएमयू प्रशासन का प्रतीकात्मक शव रखकर अगरबत्ती जलाकर पुष्प अर्पित किए। दोपहर तीन बजे कर्मचारियों ने डक पॉन्ड से बाब-ए-सैयद से होते हुए धरना स्थल तक शव यात्रा निकाली। कर्मचारियों के गुस्से को देखते हुए पुलिस प्रशासन और एएमयू के सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई थी। कुलपति कार्यालय के सामने 25 दिन से गैर शिक्षणेत्तर कर्मचारी, अस्थाई और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी धरना दे रहे हैं।
कर्मचारियों ने कहा है कि 25 दिन से धरना चल रहा है, लेकिन एएमयू प्रशासन का कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचा। कर्मचारियों ने कहा कि पिछले 15 वर्ष से कार्य कर रहे अस्थाई गैर शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को स्थाई करने, दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों का वेतन भत्ता बढ़ाने सहित 10 सूत्री मांगें हैं। मांगें पूरी नहीं की गई तो धरना प्रदर्शन जारी रहेगा।
कर्मचारियों ने कहा कि जब एएमयू प्रशासन मांगों को अनसुनी कर देता है, तब शव यात्रा निकाली जाती हैं। तत्कालीन कुलपति प्रो. खुसरो ने ऐसे ही विरोध प्रदर्शन में जनाजे की नमाज भी पढ़ाई थी। बीच सड़क पर रखे ताबूत को देखकर राहगीर अचरज में पड़ गए। इस दौरान लाउडस्पीकर पर फिल्मी गीत भी बज रहे थे। इस संबंध में प्रॉक्टर प्रो. मोहम्मद वसीम अली ने कहा कि जो शव यात्रा निकली है, वह एएमयू संस्कृति और परंपरा के खिलाफ है। यह एएमयू और हम लोगों के लिए नुकसानदेह हो सकता है। विरोध करें, लेकिन नैतिकता का ख्याल होना चाहिए।