Case of removal of stone plaque caught fire

एएमयू
– फोटो : Amar Ujala

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एएमयू के टीचिंग स्टाफ क्लब की दीवार पर लगी जीर्णोद्धार शिला पट्टिका हटाने के प्रकरण ने तूल पकड़ लिया है। एएमयू इंतजामिया के नोटिस पर एएमयू शिक्षक संघ (अमुटा) ने पलटवार किया है।

विवि की संपत्ति और वक्फ के मेंबर इंचार्ज प्रो. शकील अहमद ने शिला पट्टिका हटाने को लेकर अमुटा के सचिव डॉ. ओबैद अहमद सिद्दीकी को नोटिस दे दिया। उनसे इस बारे में तीन दिन में जवाब मांगा गया था। डॉ. औबेद ने पांच बिंदुओं में जवाब के साथ सवाल भी किए हैं। कौन सक्षम प्राधिकारी हैं, जिन्होंने उन्हें (प्रो. शकील) को यह पत्र लिखने के लिए अधिकृत किया है ? उनके बारे में बताएं।

विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने शिला पट्टिका लगाने और हटाने के संबंध में कोई नियम बनाए हैं। अगर हां तो वह कौन है, उनके बारे में बताया जाए। स्टाफ क्लब में पट्टिका लगाने के लिए कोई अनुमति मांगी गई थी? यदि हां, उसके बारे में बताएं। विश्वविद्यालय के विभिन्न भवनों पर स्थापित किए गए विभिन्न नाम पत्थर की अनुमति और वित्तीय दायित्वों का विवरण दिया जाए। 

एएमयू में बिगड़ते हालात पर बैठक 17 को

एएमयू में पिछले दो वर्षों से कोई स्थायी कुलपति नहीं है, जो वर्तमान कुलपति हैं, कार्यवाहक हैं। कुलपति न तो कोर्ट बैठक बुला रहे हैं और न ही ईसी बैठक कर रहे हैं। यह आरोप एएमयू से परोक्ष और अपरोक्ष जुड़े लोगों ने लगाया है।  समन्वयक एस अबरार अहमद चीकू ने कहा कि अलीग बिरादरी के पत्रों का जवाब कार्यवाहक कुलपति जवाब नहीं दे रहे हैं। इससे विवि में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। इसको लेकर 17 सितंबर को स्टाफ क्लब एएमयू में बैठक होगी। बैठक में पूर्व एएमयू छात्र नेता और एएमयूटीए और ईसी सदस्य शामिल होंगे। 



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