AMU refuses to allow Bhandara in Aligarh Fort

एएमयू
– फोटो : संवाद

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अलीगढ़ किले के मराठा सैनिकों से जुड़े इतिहास का मुद्दा उठाने वाले एएमयू के पूर्व छात्र व भाजपा नेता डॉ. निशित शर्मा द्वारा मांगी गई किले में भंडारे की अनुमति को एएमयू प्रशासन ने खारिज कर दिया है। प्रॉक्टर ने पत्र के जरिये कहा कि एएमयू ने सदैव शहीद सैनिकों का सम्मान किया है। मगर इस स्थल पर शैक्षणिक गतिविधियां होती हैं। शिक्षण व शोध छात्रों की आवाजाही रहती है। इसलिए अनुमति उचित नहीं है।

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किला संरक्षण मंच के जरिये डाॅ. निशित की ओर से प्रॉक्टर को पत्र भेजा गया था, जिसमें कहा गया था कि गौरवगाथा से परिपूर्ण इस किले में सन 1803 में एक से चार सितंबर तक अंग्रेजों से द्वितीय मराठा युद्ध लड़ा गया। इस दौरान दो हजार मराठा सैनिक बलिदान हुए थे। चूंकि, यह पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित किला है और एएमयू की देखरेख में है। इसलिए बलिदानी सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए कार्यक्रम व भंडारा एक सितंबर को आयोजित करने की अनुमति दी जाए।

इस पर प्रॉक्टर प्रो. वसीम अली ने डाॅ. निशित को पत्र भेजकर कहा कि किला एएमयू शिक्षण संस्थान की संपत्ति है। एएमयू ने हमेशा बलिदानी सैनिकों का सम्मान किया है। मगर यहां शैक्षणिक गतिविधियों के चलते अन्य कार्यक्रमों की अनुमति उचित नहीं है। इसलिए आवेदन स्वीकार नहीं किया जा सकता।

हम कोई धार्मिक आयोजन नहीं करेंगे। बलिदानियों की गौरवगाथा के गुणगान के लिए भंडारा करते। बेहतर होता कि खुद कुलपति आदि एएमयू अधिकारी वहां मौजूद रहते। अगर अन्य गतिविधियों की अनुमति नहीं तो पूर्व में यहां मदरसा क्यों चला है। एएमयू अगर चाहे तो गेट पर भी आयोजन की अनुमति दे सकता है। – डाॅ. निशित शर्मा।



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