
वैद्यनाथ, रामेश्वर, ओंकारेश्वर और महाकाल ज्योतिर्लिंग का मिला नया पता
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मंदिरों के शहर बनारस में द्वादश ज्योतिर्लिंग भी विराजमान हैं। आनंदकानन काशी ढूंढे और बीएचयू की टीम ने खुलासा किया है कि वर्तमान में पूजित द्वादश ज्योर्तिलिंग में से पांच अपने स्थान पर विराजमान नहीं हैं। वैद्यनाथ, नागेश्वर, रामेश्वर, ओंकारेश्वर, ईशानेश्वर और महाकाल ज्योर्तिलिंग का नया स्थान अब सामने आया है।
दो महीने की खोज के बाद पांच ज्योर्तिलिंग का सही स्थान मिला है। घृष्णेश्वर महादेव की तलाश जारी है। काशी खंड, त्रिस्थलीसेतु, तीर्थ चिंतामणि, कृत कल्पतरू, लिंग पुराण, शिव पुराण, स्कंद पुराण और वाराणसी वैभव को आधार बनाकर दो महीने तक खोज के बाद ज्योतिर्लिंग के वास्तविक स्थान के बारे में जानकारी मिली है। आनंदवन काशी ढूंढे व बीएचयू की टीम की खोज में सामने आया कि ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर महादेव का नया पता मृत्युंजय महादेव के मंदिर में है। मंदिर प्रांगण में वह हस्तिपालेश्वर महादेव के रूप में पूजित हैं।
वहीं विशेश्वरगंज में टीले पर जो ओंकारेश्वर के रूप में पूजे जा रहे हैं वह ब्रह्माजी की तपस्या से नंदी रूप में प्रकट हुए थे। उज्जैन से काशी आए महाकाल ज्योतिर्लिंग महामृत्युंजय मंदिर में दक्षेश्वर के पूर्व में हैं। वृद्धकालेश्वर के बगल वाले कालेश्वर और महाकाल में अंतर है। वहीं, कमच्छा पर वैद्यनाथ मंदिर में पूजित महादेव ज्योतिर्लिंग वाले नहीं हैं। असली वैद्यनाथ महादेव कोदई की चौकी पर विराजमान हैं। वैद्यनाथ शिवलिंग दशाश्वमेध के सामने शुक्ला भवन में हैं। भोसले घाट पर पूजित हो रहे नागेश्वर महादेव ज्योतिर्लिंग में शामिल नहीं हैं। नागेश्वर महादेव ज्योतिर्लिंग का स्थान महामृत्यंजय मंदिर प्रांगण में अखाड़े के पीछे है।