यूपी के गोंडा में सोमवार की शाम बालपुर बाजार में घरवालों ने हृदयलाल का शव चलती एबुलेंस से नीचे गिरा दिया। इसके बाद लखनऊ-गोंडा हाईवे जाम करके हंगामा शुरू कर दिया। पुलिस ने देखा तो शव को रोड से हटाने में जुट गई, ताकि यातायात सुचारू किया जा सके। इस दौरान हंगामा कर रहे लोग पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। उन्होंने आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।  

इस दौरान पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। कड़ी मशक्कत के बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए शवदाह गृह पहुंचाया। वहां पर परिजनों ने अंतिम संस्कार से इन्कार कर दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस की लापरवाही से आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो सकी है।

पहले से तैनात थी पुलिस

दरअसल, शाम करीब 6.00 बजे हृदयलाल का शव एबुलेंस से बालपुर पहुंचा। हंगामे की आशंका के चलते करनैलगंज, नगर कोतवाली, परसपुर और देहात कोतवाली पुलिस को पहले से मौके पर तैनात किया गया था। साथ ही रोड खाली कराने के प्रयास करती रही। मगर, पुलिस को चकमा देकर घरवालों ने चलती एबुलेंस की शव को नीचे गिरा दिया।

देहात कोतवाल संजय कुमार सिंह ने बताया कि नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपियों के घर पर बुलडोजर चलवाने के साथ ही फांसी की मांग करते हुए परिजनों ने रोड जाम करने की कोशिश की थी। हालांकि, उन्हें रोड जाम करने से रोका गया। साथ ही बातचीत करके अंतिम संस्कार कराने के प्रयास किए जा रहे हैं।

ये था पूरा मामला

पूरी घटना कोतवाली देहात के लक्ष्मणपुर जाट के गड़रियनपुरवा गांव की है। बताया गया कि 200 रुपये के लिए गांव निवासी हृदयलाल (22) को पट्टीदारों ने शुक्रवार को पीट-पीटकर मरणासन्न कर दिया था। घरवाले उसे लखनऊ ले गए। वहां सोमवार को इलाज के दौरान हृदयलाल ने आखिरी सांस ली। लखनऊ से शव घर पहुंचने के बाद घरवालों ने हंगामा किया।



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