लखनऊ। निरालानगर, महानगर, ऐशबाग, प्राग नरायन रोड जैसी एलडीए की 50 साल पुरानी योजनाओं (ट्रस्ट व लीज वाली) में अब 2000 वर्ग मीटर के प्लॉटों पर भी अपार्टमेंट बनाए जा सकेंगे। शर्त सिर्फ इतनी है कि वहां सड़क 12 मीटर चौड़ी हो। मंडलायुक्त रोशन जैकब की अध्यक्षता में बुधवार को हुई एलडीए बोर्ड की बैठक में यह प्रस्ताव पास कर दिया गया। इससे शहर की पॉश कॉलोनियों में अपार्टमेंट बन सकेंगे। इससे शहरवासियों को पॉश कॉलोनियों में फ्लैट मिल सकेंगे।
एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार व सचिव विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि एलडीए अभी तक अपनी कॉलोनियों में एकल आवासीय प्लाॅटों पर ग्रुप हाउसिंग की अनुमति नहीं देता था। पुरानी कॉलोनियों में एक ही व्यक्ति को आवंटित 3000 से 4000 वर्ग मीटर तक भूखंड लीज और ट्रस्ट के तहत आवंटित हैं। जिन पर ग्रुप हाउसिंग बनाने के लिए लोग मानचित्र भी जमा कर थे, लेकिन एलडीए पास नहीं कर रहा था।
अफसरों के मुताबिक, आवासीय जरूरतों को देखते हुए कई बड़े शहर ग्रुप हाउसिंग के नियमों में बदलाव कर रहे हैं। ऐसा करना समय की जरूरत भी है। लिहाजा एलडीए भी कुछ शर्तों के साथ अपनी 50 साल पुरानी योजनाओं में 2000 वर्ग मीटर या इससे बड़े एकल आवासीय प्लाॅटों पर ग्रुप हाउसिंग बनाने की अनुमति देगा। प्लॉट के सामने 12 मीटर चौड़ी सड़क होना पहली शर्त है।
सात मंजिल तक के बन सकेंगे अपार्टमेंट
पास हुए प्रस्ताव में निर्माण को लेकर 1.5 प्रतिशत फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) दिया गया है। इस बारे में एक जानकार नगर नियोजक ने बताया कि जितना एफएआर दिया है, उसमें प्लाॅट मालिक सभी नियमों का पालन करते हुए सात मंजिल तक निर्माण कर सकेगा। जमीन का कितना हिस्सा उपयोग में लिया जा रहा है, इसी से तय होता है कि कितनी मंजिल निर्माण किया जा सकता है। जो नियम है उसमें जमीन का जितना ज्यादा हिस्सा उपयोग किया जाएगा, उतनी कम मंजिलें बनेंगी।
ये शर्तें करनी होंगी पूरी
-प्लाॅट कम से कम 2000 वर्ग मीटर का हो।
-अपार्टमेंट बनाने पर सेट बैक, सेफ्टी ऑडिट सहित ग्रुप हाउसिंग के सभी नियमों का पालन करना होगा।
-अनुमति देने से पहले एलडीए आमजन से आपत्ति-सुझाव मांगेगा। वे एक महीने में आपत्ति-सुझाव दे सकेंगे। आपत्तियों के निस्तारण के बाद ही अनुमति दी जाएगी।
-मौजूदा सर्किल रेट के मुकाबले जमीन की कीमत डेढ़ गुना होगी। लीज पर लेते समय जो पैसा जमा किया गया था, उसको घटाकर बाकी कीमत जमा करनी होगी।
-ग्रुप हाउसिंग के नियमों के तहत 10 प्रतिशत एलआईजी और ईडब्लूएस फ्लैट बनाने होंगे।
पुरानी कॉलोनियों में हैं 100 भूखंड, बन सकते हैँ 2000 फ्लैट
एलडीए की 50 साल पुरानी योजनाओं में 2000 वर्ग मीटर के करीब 100 भूखंड होने का अनुमान है। इन भूखंडों पर बनने वाले अपार्टमेंटों में 2000 लोगों को फ्लैट मिल सकते हैं। यानी करीब एक लाख की आबादी को इससे फायदा मिल सकता है।
एलडीए के एक अधिकारी ने बताया कि प्राधिकरण की 50 साल पुरानी योजनाओं में ऐशबाग, महानगर, निरालानगर, मालवीयनगर, राजेंद्रनगर, प्राग नरायन रोड व नैपियर रोड की कॉलोनियां शामिल हैं। इन काॅलोनियों में करीब 1000 भूखंड होंगे, लेकिन 100 ही ऐसे होंगे जहां पर तय शर्तों को पूरा करते हुए अपार्टमेंट बनाए जा सकते हैं। इनमें करीब 2000 फ्लैट ग्रुप हाउसिंग के नियमों का पालन करते हुए बनाए जा सकेंगे। यदि एक परिवार में पांच सदस्य मान लिए जाएं तो करीब एक लाख लोगों को इस नए प्रस्ताव का फायदा मिलेगा।
सीवर-पानी की समस्याएं न बढ़ें, इसके लिए अभी से तलाशने होंगे समाधान
पुरानी कॉलोनियों में अपार्टमेंट बनने पर सीवर और पानी की आपूर्ति व्यवस्था पर बोझ बढ़ेगा। इन काॅलोनियों में सीवर और पानी की लाइनें पुरानी हैं। उनकी क्षमता भी नहीं बढ़ाई गई। ऐसे में आबादी बढ़ने से सीवर चोक होने की समस्या भी बढ़ेगी। राजाराम मोहन राय वार्ड में गोखले मार्ग और मदन मोहन मालवीय मार्ग पर अपार्टमेंट बनने के बाद ऐसी समस्या कई वर्षों से है। इन इलाकों में आए दिन सीवर चोक होता रहता है। ऐसे में सीवर और पानी की आपूर्ति व्यवस्था को पहले से ही भविष्य की जरूरतों के हिसाब से तैयार करना होगा।