Asthma patients started having trouble breathing due to color gulal and getting wet

रंग और गुलाल उड़ाते लोग
– फोटो : अमर उजाला

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उत्तर प्रदेश के आगरा में रंग-गुलाल और भीगने से दमा और सांस रोगियों की परेशानी बढ़ दी। सीने में जकड़न और सांस उखड़ने लगी। हालत खराब होने पर एसएन मेडिकल कॉलेज के वक्ष एवं क्षय रोग और इमरजेंसी में 17 मरीजों को भर्ती कराना पड़ा है। इनको तेज खांसी के साथ बलगम में खून भी आया।

वक्ष एवं क्षय रोग विभागाध्यक्ष डॉ. जीवी सिंह ने बताया कि गुलाल और रंग सांस नलिकाओं में जाने से संक्रमण हुआ। इनसे सूजन हुई और सांस लेने में दिक्कत बढ़ गई। दमा और सांस के पुराने मरीजों की हालत ज्यादा खराब हुई। ओपीडी में आने पर सीने में जकड़न से सांस उखड़ रही थी।

इनमें दवाएं बंद करने वाले मरीजों की हालत खराब मिली, इनको भर्ती कर ऑक्सीजन देनी पड़ी। सांस रोगियों और टीबी के मरीजों को तेज बुखार और खांसी के साथ बलगम में खून की शिकायत भी मिली। दमा के मरीजों का इन्हेलर की डोज बढ़ाकर दी।

बुखार से सिर-मांसपेशियों में दर्द

एसएन कॉलेज के मेडिसिन विभाग के डॉ. प्रभात अग्रवाल ने बताया कि पानी में भीगने और ठंडाई-कोल्डड्रिंक पीने से लोग वायरल बुखार की चपेट में आ गए। इसमें तेज बुखार के साथ सिर, आंख और मासंपेशियों में दर्द भी हुआ। यही हाल बच्चों में भी रहा। कमजोरी और नींद पूरी नहीं होने से चिड़चिड़ापन भी दिखा। होली के बाद ऐसे मरीजों में की संख्या में 30 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है।

इन बातों का रखें ख्याल

  • अभी ठंडाई-कोल्डड्रिंक पीने और आइसक्रीम खाने से बचें।
  • खुद से दवा न लें, आराम न मिलने पर डोज न बढ़ाएं।
  • फल, हरी तरकारी और सलाद खाएं। पानी खूब पीएं।
  • शरीर को आराम दें, मोबाइल-कंप्यूटर पर कम समय बिताएं।
  • गर्म पानी की भाप लें, गुनगुने पानी में सेंधा नमक से गरारे करें।



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