उरई। टाउन हॉल के पीछे बना अटल अमृत पार्क 15 अगस्त से फिर आम जनता के लिए खुलने जा रहा है। शुक्रवार को जिलाधिकारी राजेश कुमार पांडेय ने निरीक्षण के दौरान साफ कहा कि इस बार लापरवाही या उपद्रव बर्दाश्त नहीं होगा। उन्होंने कैंटीन संचालन, दो आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की नियुक्ति और सीसीटीवी कैमरे लगाने की व्यवस्था पूरी करने के निर्देश दिए, ताकि किसी भी नुकसान की जानकारी तुरंत मिल सके और दोषियों पर कार्रवाई हो सके।
करीब एक महीने बाद डीएम राजेश कुमार पांडेय अटल अमृत पार्क पहुंचे। घास अत्यधिक बढ़ी थी, कई गमले टूटे पड़े थे और जगह-जगह गंदगी फैली थी। बिजली के खंभों पर सुरक्षा इंतजाम नदारद थे और बीच में जलभराव भी था। डीएम ने सिटी मजिस्ट्रेट की देखरेख में ओडीए और पालिका के कर्मचारियों को तुरंत सफाई, मरम्मत और सभी कमियां दूर करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि टूटे गमले बदलें, दीवारों व सीटों का उखड़ा रंग ठीक करें, सूखे पेड़ों की जगह नए पौधे लगाएं और सभी बंद लाइटें चालू करें।
डीएम ने बताया कि 25 मई को उद्घाटन के बाद पार्क को दो दिन के लिए खोला गया था, लेकिन अराजक तत्वों ने कई जगह तोड़फोड़ की, रंग-बिरंगे फव्वारे खराब कर दिए और वहां तैनात एकमात्र कर्मचारी की बात भी किसी ने नहीं मानी। स्थिति बिगड़ने पर पार्क को बंद करना पड़ा। चूंकि निर्माण उरई विकास प्राधिकरण ने कराया था। अब कैंटीन और दो कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय हो चुकी है।
पार्क का महत्व और इतिहास
अटल अमृत पार्क 1.23 करोड़ रुपये की लागत से तीन चरणों में तैयार किया गया। पहले चरण में सैर के लिए ट्रैक, दूसरे चरण में आकर्षक गार्डन और फाउंटेन बनाए गए। यह पार्क शहर का नया मनोरंजन केंद्र बना और लोगों के लिए सुबह-शाम टहलने का सुरक्षित स्थान उपलब्ध हुआ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर इसे तैयार किया गया और 25 मई को गन्ना राज्य मंत्री संजय सिंह गंगवार ने इसका उद्घाटन किया था। उस समय उन्होंने घोषणा की थी कि भविष्य में कैंटीन, बच्चों के झूले, ओपन जिम और बैठने की बेहतर व्यवस्था जोड़ी जाएगी।
सुरक्षा और निगरानी की कड़ी तैयारी
डीएम ने सिटी मजिस्ट्रेट को पार्क में विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं। अराजक तत्वों को देखते ही रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी। पार्क में सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं और आवश्यकता पड़ने पर यहां पुलिस बल भी तैनात किया जाएगा। यह शहर का एकमात्र बड़ा और व्यवस्थित पार्क है, जहां स्कूली छात्र, कोचिंग के बच्चे, बुजुर्ग और परिवार बड़ी संख्या में आते हैं, इसलिए प्रशासन पहले से सतर्क रहना चाहता है।