atmosphere of happiness among devotees of Ram of Agra who dream of having Aaradhya seated in grand temple

पश्चिमपुरी में श्रीराम मंदिर के लिए निकाली गई अक्षत यात्रा
– फोटो : अमर उजाला

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रामभक्त बरसों से अपने आराध्य को टेंट से निकलकर भव्य मंदिर में विराजमान होने का सपना देखने वाले आगरा के रामभक्तों में खुशी का माहौल है। रामलला प्राण प्रतिष्ठा के लिए अयोध्या से आए अक्षत मिलते ही भक्तों के चेहरे खिल उठे। किसी के लिए अक्षत राम का आशीर्वाद हो गया तो किसी के लिए अमृत के समान।

एक तरफ शहर से अक्षत वितरण करने का उल्लास है तो वहीं दूसरी तरफ अक्षत प्राप्त करने वालों के चेहरे पर अलग ही तेज देखने को मिल रहा है। मानो 14 साल का वनवास काट राम अयोध्या वापस को लौट रहे हों। शहर में अयोध्या से आए अक्षत में भगवान राम की फोटो, पीले चावल और निमंत्रण पत्र मिलने के बाद से ही रामभक्त अपने मंदिरों अक्षत रख पूजा कर रहे हैं।

राम से तो मेरा कई सालों से नाता है। सन 2009 में दशरथ का स्वरूप बना था। मुझे खुशी है कि मेरे जीवन काल में राम मंदिर को बन गया। मंदिर में रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा से मेरी आत्मा का शांति मिलेगी। –राजेंद्र कुमार बंसल , 82 वर्षीय , कमला नगर

जब से अक्षत मिला है उसे मंदिर में रख सुबह-शाम पूजती हूं। मेरे राम मंदिर में विराजमान होंगे और यह मैं देख सकूंगी। इससे ज्यादा मेरे लिए खुशी के क्षण कुछ नहीं होंगे। –उमा शर्मा, 80 वर्षीय , नामनेर

1990 में रथयात्रा शुरू हुई थी। तभी से इंतजार कर रहे थे कि राम मंदिर जल्द बनें। अक्षत प्राप्त होना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। हम लोग अपने आस-पास के लोगों को अक्षत से पीले चावल भी बांट रहे हैं। –जय पुरुषनानी, 60 वर्षीय जयपुर हाउस



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