
वारदात से दो दिन पहले हुई थी मुलाकात
वारदात के चार दिन बाद सुपारी की शेष रकम लेने के लिए शूटर रामजी व प्रेमी अनुराग हरपुरा के समीप पहुंचे थे। तय वादे के तहत चमरौआ प्रधान रामू को सुपारी की रकम देने के लिए पहुंचना था। प्रधान के आने के इंतजार में दोनों बैठे थे। इसी बीच पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर दोनों को धर दबोचा था। इनके पास से एक बाइक समेत दो तमंचे व मोबाइल बरामद हुए थे। पूछताछ के मुताबिक, रामजी ने बताया था कि उससे अनुराग व दुर्लभ ने संपर्क किया था। वारदात से दो दिन पहले 17 मार्च को उनकी मुलाकात हुई थी।
दो लाख में दिलीप की हत्या का सौदा तय हुआ था। दुर्लभ उर्फ पिंटू यादव व चमरौआ प्रधान रामू यादव, अनुराग के मौसेरे भाई है। उससे अच्छी जान पहचान है। वारदात के समय दुर्लभ ने सहयोग करने को कहा था। इसके बाद शूटर रामजी ने अपने साथी अछल्दा के बलदेव की मड़ैया निवासी राहुल व चमरौआ के शिवम ने मिलकर एक जगह वार्ता की थी। इसके बाद तीनों ने साजिश की। इसके बाद शूटर व अन्य साथी अलग बाइक से और प्रेमी अनुराग अलग बाइक से बेला पहुंचे।
खेत में की थी दिलीप की पिटाई
19 मार्च की दोपहर बेला में अनुराग ने दिलीप की पहचान कराई और वह चला गया। अनुराग के जाने के बाद शूटर रामजी व दुर्लभ एक बाइक से पहुंचे। जबकि शिवम व राहुल अलग बाइक से पटना नहर किनारे पहुंचे। इसके बाद में पटना नहर से शूटर रामजी, दुर्लभ व शिवम हाइड्रा चालक दिलीप को बाइक पर बैठाकर खेत लाए। इसी बीच शिवम भी दूसरी बाइक से वहां आ पहुंचा। सभी लोगों ने मिलकर दिलीप की पिटाई कर दी। पिटाई के दौरान उसके चेहरे व सिर पर तमंचे की बट से वार किए।
दुर्लभ ने मारी थी दिलीप को गोली
इसी दौरान मौका पाकर दुर्लभ ने पीछे से दिलीप के सिर पर गोली मार दी। हमलावर उसे मरा समझकर मौके से भाग निकले। घटना के बाद शूटर रामजी ने सुपारी की रकम लेने के लिए अनुराग व दुर्लभ से पैसे की डिमांड की।