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श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या में श्रद्धालुओं और पर्यटकों की भीड़ उमड़ रही है। रोजाना दो से तीन लाख श्रद्धालु आ रहे हैं। पर, अभी भीड़ प्रबंधन को लेकर इसमें काफी रोक-टोक है। हालांकि भविष्य में यह संख्या चार से पांच लाख होने का अनुमान है। ऐसे में प्रदेश सरकार की तैयारी है कि अयोध्या आने वाले तमाम लोगों को ठहरने के लिए बेहतर सुविधा दें।

पर्यटन विभाग ने विभिन्न संस्थानों के साथ एमओयू कर इस साल के अंत तक अयोध्या में 142 होटल, रिसॉर्ट व गेस्ट हाउस के निर्माण का लक्ष्य रखा है। ये होटल फरवरी में प्रस्तावित भूमि पूजन समारोह (जीबीसी) के लिए तैयार हैं। इन होटलों के लिए जमीन आदि की औपचारिकताएं पूरी हो गई हैं। लगभग 3,500 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इन होटलों में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त करीब 7,500 कमरे होंगे। इन होटलों के निर्माण और इससे जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में 10 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।

वर्तमान में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए यहां पर्याप्त संख्या में होटल व गेस्ट हाउस नहीं है। इसलिए अयोध्या व आसपास के जिलों में भी होटल, रिसॉर्ट, गेस्ट हाउस व लॉज बनाने के लिए लोगों को पर्यटन विभाग प्रेरित कर रहा है। जिससे समय-समय पर अयोध्या में होने वाले आयोजनों में आने वाले लोगों को ठहरने की सुविधा मिल सके। वहीं, इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

441 होम स्टे और 1,323 कमरे भी तैयार

पर्यटन विभाग की ओर से अयोध्या में होम स्टे को भी बढ़ावा दिया जा रहा है, जो यहां के लोगों को सीधे रोजगार से जोड़ेगा। इसके लिए स्थानीय प्रशासन की ओर से ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे। जांच के बाद 441 होम स्टे को हरी झंडी दे दी गई है। इनमें लगभग 1,300 कमरे लोगों के ठहरने के लिए उपलब्ध हैं। वहीं, ओयो ने भी यहां अपनी सेवाएं शुरू कर दी है।

बढ़ेगी पर्यटकों की संख्या 

अयोध्या आज श्रद्धालुओं-पर्यटकों की पहली पसंद है। रोजाना दो से तीन लाख श्रद्धालु आ रहे हैं, आने वाले दिनों में यह संख्या और बढ़ेगी। पर्यटन विभाग उन्हें हरसंभव आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराएगा। इसके लिए विभाग अयोध्या में होटल, रिसॉर्ट और गेस्ट हाउस की चेन शुरू करेगा। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा। -जयवीर सिंह, पर्यटन मंत्री



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