
मंदिर की नई तस्वीर।
– फोटो : amar ujala
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प्राण प्रतिष्ठा समारोह के नाम पर धन उगाही के लिए साइबर फ्रॉड के मामले सामने आ रहे हैं। फर्जी सोशल मीडिया आईडी के जरिये लोगों से चंदा मांगा जा रहा है। कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अयोध्या, उत्तर प्रदेश का फर्जी पेज बनाया है, जहां चंदा लेने के लिए फर्जी क्यूआर कोड भी डाला गया है। इसको लेकर विश्व हिंदू परिषद ने गृह मंत्रालय, प्रदेश के डीजीपी, और दिल्ली पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखा है।
कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर फर्जी रसीद भी वायरल हो रही थी। अब फर्जी पेज बनाने का मामला सामने आया है। विहिप के दिल्ली प्रवक्ता विनोद बंसल ने इस पत्र में राम मंदिर के नाम पर फ्रॉड करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। बंसल का कहना है कि पेज पर क्यूआर कोड भी डाला गया है। अपील की जा रही है कि राममंदिर के नाम पर चंदा दें।
विहिप नेता की शिकायत के अनुसार अभिषेक कुमार नाम का एक व्यक्ति सोशल मीडिया पर क्यूआर कोड प्रसारित करके प्राण प्रतिष्ठा समारोह व मंदिर निर्माण के लिए धन की मांग कर रहा है, लेकिन जब इस कोड को स्कैन करते हैं तो इस खास क्यूआर कोड के यूपीआई यूजर का नाम बदल जाता है। इसमें मनीषा नल्लाबेली नाम सामने आ जाता है। विनोद बंसल ने कहा है कि श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने कई बार स्पष्ट किया है कि कोई भी निजी व्यक्ति मंदिर के लिए धन एकत्रित करने के लिए अधिकृत नहीं है।
सरकार की वेबसाइटों पर प्रदर्शित हो रहे भ्रामक चित्र
पर्यटन मंत्रालय की वेबसाइट इंक्रेडिबिल इंडिया और उत्तर प्रदेश के पर्यटन विभाग की साइटों पर गलत फोटोग्राफ लगाए जा रहे हैं। यह जानकारी डिजिटल मीडिया पर सर्विलांस करने वाली संस्था जटायु वॉच के प्रदेश प्रभारी शिशिर व जांचकर्ता उपेंद्र पांडेय ने रविवार को एक पत्रकार वार्ता में दी। उन्होंने बताया कि श्रीराम जन्मभूमि का गलत चित्र वेबसाइट पर चल रहा है। इंक्रेडिबिल इंडिया साइट पर जो चित्र रामकोट का दिखाया जा रहा है, वह पाक अधिकृत कश्मीर के रामकोट का है। इसमें एक किला दिख रहा है। किले में झील नजर आ रही है, जबकि रामकोट में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर का गर्भगृह प्राण प्रतिष्ठा के लिए तैयार हो गया है। इसे विभिन्न साइटों पर देखा जा सकता है।
उन्होंने बताया कि इस संबंध में प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश सरकार को सोशल मीडिया के जरिये जानकारी दी गई है। यही स्थिति पर्यटन विभाग की भी है। वेबसाइट पर दक्षिण कोरिया की रानी हो के अयोध्या के सरयू तट पर स्थित स्मारक की जगह पर कोरिया में स्थित किसी स्मारक का चित्र प्रदर्शित किया जा रहा है। सरयू तट के स्थान पर बागेश्वर के घाट का चित्र प्रदर्शित है। अयोध्या के मंदिरों को लेकर जो चित्र प्रदर्शित हैं, उनमें हनुमान गढ़ी के स्थान पर राजद्वार मंदिर को दर्शाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वह स्वयंसेवी रूप से इस तरह के तथ्यों पर नजर रखते हैं। ऐसी संभावना है कि इन साइटों को हैक कर चित्र बदले गए हों। सरकार को इसकी जांच कराकर चित्रों को बदला जाए और दोषियों पर कार्रवाई हो।