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राम मंदिर अयोध्या। – फोटो : सोशल मीडिया
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सदियों तक चला अयोध्या में राम जन्मभूमि विवाद सुलझ चुका है और वहां भव्य मंदिर ने आकार ले लिया है, लेकिन आज के ही दिन विवादित बाबरी ढांचे में मंदिर के पुनरुद्धार का रूप देकर सबसे पहले पुरुषोत्तम भगवान राम की मूर्ति स्थापित की गई।
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साथ ही घंटे-घड़ियाल और शंख ध्वनियों के बीच पूजा हुई। उस समय प्रशासन की ओर से मात्र तीन पुजारियों को ही वहां पूजा पाठ करने की अनुमति मिली। अमर उजाला के 30 दिसंबर, 1949 के अंक में प्रकाशित खबर के अनुसार, 22 व 23 दिसंबर की मध्यरात्रि को कुछ पुजारियों और लोगों ने अयोध्या में विवादित बाबरी ढांचे में मंदिर के पुनरुद्धार का रूप देकर भगवान राम की मूर्ति स्थापित की थी।
घंटे और शंख की ध्वनि के बीच पूजा आरती शुरू कर दी। वातावरण जय श्रीराम के जयकारों से गूंज उठा था। जैसे ही खबर प्रशासन को मिली तो अगली सुबह फैजाबाद के तत्कालीन जिलाधीश और पुलिस अधिकारी दल बल के साथ घटनास्थल पहुंच गए।
मूर्ति तो उस समय नहीं हटाई गई, लेकिन पुजारियों को वहां से निकाल दिया। चारों तरफ हथियार बंद पुलिस का पहरा लगा दिया। पूजा पाठ बंद होने से राम भक्ति आंदोलन पर उतारू हो गए। हालात खराब होने की आशंका देख फैजाबाद के तत्कालीन जिलाधीश ने पूरे प्रकरण की जानकारी प्रांतीय सरकार को तार के माध्यम से दी।