
Ram Mandir
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रामजन्मभूमि पर आक्रमण करने वाला बाबर पहला आक्रमणकारी नहीं था। विदेशी यवन राजा मिनेण्डर अथवा मिलिन्द, जिसे मिहिरकुल भी कहा जाता है…अयोध्या पर बाबर से पहले आक्रमण कर चुका था। मगर, तीन माह के भीतर ही शुंगवंशीय राजा द्युमत्सेन ने उसे पराजित कर मेरी अयोध्या को मुक्त करा लिया।
हमले की कोशिश तो सोमनाथ मंदिर को कई बार लूटने वाले महमूद गजनवी के भांजे सालार मसूद गाजी ने भी की थी। दिल्ली, मेरठ, बुलंदशहर, बदायूं और कन्नौज के राजाओं को रौंदता हुआ, देवस्थानों को ध्वस्त करता हुआ बाराबंकी तक आ गया।
बहराइच पर आक्रमण कर अयोध्या पहुंचना चाहता था, पर 1034 ईसवी में कौशल के महाराजा सुहेलदेव ने उसे और उसकी एक लाख 30 हजार की सेना को भी खत्म कर दिया। अयोध्या सुहेलदेव की उपराजधानी थी। पर, 1528 में बाबर के सेनापति मीर बाकी ने जो हमला किया, मेरी अयोध्या की मुक्ति और संघर्ष की दास्तां लंबी हो गई।
मंदिर तोड़ने की खबर मिलते ही भाटी नरेश महताब सिंह, हंसवर नरेश रणविजय सिंह हंसवर के राजगुरु पंडित देवीदीन पांडेय ने मीर बाकी की सेना पर हमला कर दिया। 15 दिन युद्ध चला।