Ayodhya: Surya Abhishek of Ramlala will take place on Ram Navami of 2025, scientists are calculating the posit

अयोध्या के रामलला।
– फोटो : amar ujala

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रामजन्मभूमि में भव्य मंदिर में विराजित बालक राम का सूर्य की किरणों से पहला अभिषेक रामनवमी 2025 में हो पाएगा। इसी रामनवमी को दोपहर 12 बजे रामलला के सूर्य तिलक की तैयारी थी लेकिन मंदिर का शिखर अभी अधूरा है। हालांकि निर्माण एजेंसी ने सूर्य तिलक के लिए जरूरी शिखर को 17 अप्रैल को आ रही रामनवमी से पहले पूरा करने का लक्ष्य रखा है। यह सूर्य अभिषेक तीन से पांच मिनट के लिए होगा।

सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट ने इसके लिए मंदिर के शिखर से गर्भगृह तक उपकरण डिजाइन किया है। सीएसआईआर के वैज्ञानिक भी इस काम में लगे हैं। उपकरण का गर्भगृह वाला हिस्सा लगाया जा चुका है। बाकी मंदिर निर्माण पूर्ण होने पर जोड़ा जाएगा। सूर्य और चंद्र मास की तिथियां हर 19 साल में रिपीट होती हैं। इसे ध्यान रखते हुए एक मैकेनिज्म डेवलप किया जाता है इसमें दर्पण और लेंस को लगाया जाता है। मंदिर के शिखर पर जिस दर्पण पर सूर्य की किरणें पड़ेंगी वह रामनवमी पर ऐसे घूमेगा कि किरणें परावर्तित होकर श्रीराम के मस्तक पहुंचें।

इसके लिए जरूरी है कि गर्भगृह के ऊपरी हिस्से को तेजी से तीसरी मंजिल तक पूरा कर दिया जाए, ताकि सूर्य तिलक के लिए उपकरण लगाया जा सके। सूर्य तिलक मैकेनिज्म का इस्तेमाल पहले से ही कुछ जैन मंदिरों और कोणार्क के सूर्य मंदिर में किया जा रहा है, हालांकि उसमें अलग तरह की इंजीनियरिंग काम करती है। राममंदिर के ट्रस्टी डॉ़ अनिल मिश्र ने बताया कि सूर्य की किरणों से अभिषेक के लिए मंदिर के सभी शिखर बनने जरूरी हैं, ऐसे में पहला सूर्य अभिषेक रामनवमी 2025 में हो सकता है, फिलहाल विज्ञानियों की टीम इसके लिए काम कर रही है, जल्द ही यह टीम अयोध्या पहुंचेगी और सूर्य की खगोलीय स्थिति का एक बार फिर अध्ययन करेगी।



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