सीतापुर जेल में बंद सपा नेता आजम खां को हाईकोर्ट से दोनों मामलों में जमानत मिलने के बाद भी उनकी रिहाई पर शंका बनी हुई है। शत्रु संपत्ति के एक मामले में रामपुर की कोर्ट ने उन पर धाराएं बढ़ा दी हैं। इसके बाद अब सपा नेता को इस मामले में इन बढ़ी हुई धाराओं में भी जमानत करानी होगी।

सपा नेता आजम खां की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही है। उन्हें 18 अक्तूबर 23 को सेशन कोर्ट ने बेटे अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाणपत्र के मामले में सजा सुनाई थी। इस मामले में कोर्ट ने उनकी पत्नी डॉ. तजीन फात्मा व बेटे अब्दुल्ला आजम को भी सजा सुनाई थी।

तीनों को जेल भेज दिया गया था। आजम खां को सीतापुर जेल, उनकी पत्नी डॉ. तजीन फात्मा को रामपुर और बेटे अब्दुल्ला आजम खां को हरदोई जेल भेजा गया था। जन्म प्रमाणपत्र मामले में तीनों को जमानत मिल चुकी है, लेकिन आजम खां को डूंगरपुर केस में 10 साल की सजा होने के कारण रिहाई नहीं हो सकी।

पिछले दिनों उन्हें हाईकोर्ट ने डूंगरपुर केस तथा बृहस्पतिवार को क्वालिटी बार के मामले में भी जमानत दे दी। यानि हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद उनकी रिहाई की उम्मीद जगी,लेकिन बृहस्पतिवार को ही सिविल लाइंस थाने में दर्ज शत्रु संपत्ति के मामले में सपा नेता आजम खां पर 467,471, 201 धारा बढ़ा दी गईं हैं।  

अब इन बढ़ी हुई धाराओं में भी उन्हें जमानत करानी होगी। इसके बाद ही रिहाई हो सकेगी। पुलिस अधीक्षक विद्या सागर मिश्र का कहना है कि शत्रु संपत्ति मामले में तीन धाराएं बढ़ाई गई हैं।



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