
बहराइच में भेड़िए।
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जिले के हरदी थाना क्षेत्र में भेड़ियों ने अब तक नौ जानें लेने व 31 लोगों को घायल किया है। विलुप्ति की कगार पर पहुंचे भेड़ियों को नदी की कछार बेहद पसंद है। ग्रामीणों का दावा है कि वे कई सालों से यह यहां मांद बनाकर रह रहे हैं। नदी की कछार में इनकी 50 से अधिक मांदें होने व संख्या 100 से अधिक होने का दावा है। इससे ग्रामीणों में दहशत है, लेकिन विभागीय जिम्मेदार ड्रोन में कैद दो भेड़ियों को ही जिम्मेदार बता रहे हैं।
एक मांद में दो से 20 तक की संख्या में रहते हैं भेड़िये
बहराइच वन प्रभाग में सेवाएं देने व जिले के कतनिर्याघाट वन्यजीव प्रभाग से सेवानिवृत डीएफओ ज्ञान प्रकाश सिंह ने बताया कि भेड़ियों को जंगल के बजाए कछार व गन्ने का इलाका ज्यादा रास आता है। सरयू की कछार में 50 से अधिक मांदें हो सकती हैं। एक मांद में दो से 20 की संख्या में भेड़िये रहते हैं। इनके बड़े पैर व 50 से 70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार इन्हें सबसे ज्यादा घातक बनाती है।
इलाकों को तबाह करने की रखते हैं क्षमता, मुखिया महत्वपूर्ण
पूर्व डीएफओ ज्ञान प्रकाश सिंह ने बताया कि झुंड में 20 से ज्यादा भेड़िये हो सकते हैं। इनकी एकता, अनुशासन, रेकी करने की क्षमता व मुखिया का संरक्षण इन्हें खतरनाक शिकारी बनाता है। महसी क्षेत्र में रहने वाले भेड़ियों में से कोई एक समूह हमला कर रहा है। ऐसे में ट्रैप कैमरे से समूह के साथ उसके मुखिया का चिह्नांकन भी जरुरी है, क्योंकी समूह के सभी भेड़िये मुखिया के निर्देशन में सारे कार्य करते हैं। उन्होंने बताया कि एक भेड़िया 18 से 80 किलो वजन तक हो सकता है।