Bahraich Violence: बहराइच हिंसा में सरकार द्वारा बुलडोजर चलाए जाने के नोटिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने योगी सरकार पर टिप्पणी की। सरकार को दो दिन समय दिया गया है।
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बहराइच हिंसा।
– फोटो : अमर उजाला।
बहराइच में मूर्ति विसर्जन के दौरान हुई हिंसा मामले में ध्वस्तीकरण नोटिसों को चुनौती देने वाली जनहित याचिका का राज्य सरकार ने विरोध किया। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई चार नवंबर को नियत की है। सरकार के अधिवक्ता ने याचिका पर आपत्ति जताई कि याची को यह पीआईएल दाखिल करने का हक (लोकस) नहीं है। ऐसे में यह याचिका सुनवाई के लिए ग्रहण करने योग्य नहीं है। इस पर कोर्ट ने सरकार को दो दिन का वक्त इन आपत्तियों को रजिस्ट्री अनुभाग में दाखिल करने को दिया।
न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने यह आदेश एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स संस्था के पूर्वी उत्तर प्रदेश उपाध्यक्ष के जरिये दाखिल पीआईएल पर दिया। इसमें बहराइच के कथित अतिक्रमणकर्ताओं को इसी 17 अक्तूबर को जारी ध्वस्तीकरण नोटिसों को चुनौती देकर इन्हें रद्द करने के निर्देश देने का आग्रह किया गया है। साथ ही कहा गया है कि सरकारी अमला समुदाय विशेष के लोगों के निर्माणों को अवैध बताकर ढहाने की कार्रवाई कर रहा है। जबकि वहां पर सड़कों आदि पर कोई अतिक्रमण नहीं किया गया है।