
चर्चाओं में आई ये महिला अधिकारी।
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बहराइच में सांप्रदायिक हिंसा भड़कने के बाद स्थानीय अधिकारियों की कार्यशैली ने अराजक तत्वों को उपद्रव करने की खुली छूट दे दी। जिस जगह पर हिंसा और आगजनी हो रही थी, अफसर उससे दूर पुलिस बल के साथ खड़े नजर आए। जबकि डीएम माेनिका रानी और एसपी वृंदा शुक्ला ने बहादुरी दिखाई और हिंसा की चपेट में आए इलाकों में जाकर हालात पर नियंत्रण करने की कवायद करती रहीं।
स्थानीय अफसरों की लापरवाही का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एडीजी कानून-व्यवस्था अमिताभ यश के मौके पर पहुंचने के बाद भी कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया। बहराइच के एडिशनल एसपी ग्रामीण पवित्र मोहन त्रिपाठी मौके पर पहुंचने के बजाय एक कंपनी पीएसी लेकर दो किमी दूर खड़े थे।
एडीजी ने पिस्टल निकालकर उपद्रवियों को खदेड़ने के बाद एडिशनल एसपी को फटकार लगाई, जिसके बाद बाकी अधिकारी हरकत में आए, जिसके बाद संवेदनशील इलाकों में जाकर पुलिस बल को तैनात किया जाने लगा। इससे आगजनी की घटनाओं पर काबू पाया जा सका। एडीजी कानून-व्यवस्था के साथ एडीजी जोन गोरखपुर केएस प्रताप कुमार और आईजी रेंज अमरेंद्र प्रताप सिंह पुलिस बल को साथ लेकर हिंसाग्रस्त इलाकों में हालात काबू करने निकले, जिसकी वजह से उपद्रवियों के पांव उखड़ गए।
अफसरों पर हो सकती है कार्रवाई
सूत्रों के मुताबिक लापरवाही बरतने वाले स्थानीय पुलिस अधिकारियों पर जल्द सख्त कार्रवाई की जा सकती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बहराइच में भड़की सांप्रदायिक हिंसा को गंभीरता से लेते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। एडीजी कानून-व्यवस्था मंगलवार को भी बहराइच में कैंप करेंगे, जिसके बाद वापस आकर डीजीपी को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे।