– पांच साल पहले शुरू हुई थी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी
अमर उजाला ब्यूरो
झांसी। गांव के अपने घरों में चौके-चूल्हे में दिन गुजारने वाली बुंदेलखंड की 36 हजार महिलाएं अब आत्मनिर्भर हो गईं हैं। दुग्ध व्यवसाय को अपनाकर वह अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम हो गईं हैं। महज पांच साल पहले बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी से जुड़कर महिलाएं प्रदेश और देश में दुग्ध उत्पादों के जरिये बुंदेलखंड की अलग छाप छोड़ रही हैं।
ग्राम रूंद करारी निवासी रानी के पास खेती की जमीन नहीं है। चार साल पहले उनके पास कोई पशु भी नहीं था। परिवार का गुजारा मुश्किल से होता था। लेकिन, अब वे पांच पशुओं की मालिक हैं और हर महीने बारह से पंद्रह हजार रुपये आसानी से कमा लेती हैं। दुग्ध व्यवसाय से जुड़कर उनकी जिंदगी एकदम से बदल गई है। यह केवल रानी की कहानी नहीं है, बल्कि बुंदेलखंड के आठ सौ गांवों की छत्तीस हजार से अधिक महिलाओं के जीवन में इस तरह बदलाव आया है। यह संभव हुआ बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी के जरिये। कंपनी की शुरुआत एनआरएलएम और यूपीएसआरएलएम द्वारा नेशनल डेयरी सर्विस की तकनीकी सहायता से वित्त पोषित परियोजना के तहत हुई थी। महिलाएं कंपनी के लिए अपने गांवों से दुग्ध इकट्ठा करती हैं, जिन्हें संग्रह केंद्रों के माध्यम से कंपनी के प्लांट तक पहुंचाया जाता है। इससे महिलाओं को नियमित आमदनी होती है।
बता दें कि देश और प्रदेश में बुंदेलखंड की पहचान जल संकट ग्रस्त इलाकों में होती आई है। लेकिन, अब तस्वीर बदल गई है। बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी के जरिये बुंदेलखंड की पहचान दुग्ध उत्पाद के अग्रिम क्षेत्र में होने लगी है। यह संभव करने में यहां की ग्रामीण महिलाओं का बढ़ा योगदान रहा है।
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बुंदेलखंड की महिलाओं ने बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी से जुड़कर बुंदेलखंड की एक अलग पहचान बनाई है। दुग्ध व्यवसाय से जुड़कर आत्मनिर्भर होने वाली महिलाओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इतना ही नहीं, पशुओं की दशा में भी सुधार हुआ है। – बृजमोहन अंबेड, उपायुक्त स्वत: रोजगार
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महिलाओं को जाता है सफलता का श्रेय: एसीपी
झांसी। कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका एस गर्ग ने गढ़मऊ स्थित बलिनी दुग्ध प्लांट का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी की सफलता का श्रेय महिलाओं को जाता है। डेयरी फार्मिंग से जुड़कर बुंदेलखंड की 36 हजार महिलाओं को रोजगार मिला है। इस लक्ष्य को अभी और आगे ले जाना है। संवाद