तिंदवारी। भाजपा नेता की तहरीर पर तिंदवारी थाने में नरैनी सीएचसी अधीक्षक के खिलाफ एक और मुकदमा दर्ज किया गया है। इसमें भाजपा नेता पर रिवाल्वर लगाकर 10 लाख रुपये रंगदारी मांगने व नहीं देने पर बर्बाद करने का आरोप है। इससे पहले अधीक्षक पर जल शक्ति राज्य मंत्री, समेत अन्य भाजपा पदाधिकारियों और डीएम व सीएमओ के खिलाफ अभद्र टिप्पणी कर पोस्टर चस्पा करने व वायरल करने के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था।
तिंदवारी थाने में नरैनी सीएचसी अधीक्षक डॉ. दिनेश चंद्र राजपूत पर 24 घंटे के अंदर कस्बा निवासी भाजपा किसान मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष कृष्ण कुमार शुक्ला उर्फ चुनकान महराज ने एक और रिपोर्ट दर्ज कराई है। भाजपा नेता ने तहरीर में बताया कि अभद्र टिप्पणी वाले पोस्टरों पर नरैनी सीएचसी अधीक्षक डॉ. दिनेश चंद्र राजपूत उन पर दबाव बना रहे हैं।
डॉ. दिनेश 15 मार्च की रात करीब साढ़े दस बजे एक साथी के साथ मेरे घर आए और मुझे दरवाजे पर बुलाया। बाहर निकला तो मेरे सीने पर रिवाल्वर लगा कर 10 लाख रुपये मांगे। नहीं देने पर जान से मारने समेत कुछ फोटो वीडियो वायरल करने की धमकी दी। भाजपा नेता ने तहरीर में यह भी लिखा है कि वह उस समय डर गए थे, इसलिए पुलिस को फोन नहीं किया। भाजपा नेता ने दो दिन बाद 17 मार्च को तहरीर देकर दूसरी बार थाने में डॉक्टर पर रिपोर्ट दर्ज कराई है।
पुलिस ने नरैनी सीएचसी के खिलाफ आईपीसी की धारा 386, 387 व 506 पर रिपोर्ट दर्ज की है। बता दें कि गुरुवार को भी पुलिस ने भाजपा पंचायत प्रकोष्ठ के जिला संयोजक राजनारायण द्विवेदी की तहरीर पर डॉक्टर के खिलाफ आईपीसी की धारा 419, 420, 387, 506 व आईटी एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज की थी। इसमें डॉक्टर पर कस्बे समेत आसपास के कई गांवों में अफसरों, भाजपा पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के खिलाफ अभद्र टिप्पणी वाले पोस्टर चस्पा करने व इन पोस्टरों को वायरल का आरोप लगाया था। इंस्पेक्टर नरेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि कृष्ण कुमार शुक्ला की तहरीर पर डॉ. दिनेश चंद्र राजपूत व एक अज्ञात के खिलाफ एक और मुकदमा दर्ज किया गया है।
वर्जन
साजिशन फंसाने का आरोप
नरैनी सीएचसी अधीक्षक डॉ. दिनेश चंद्र राजपूत का कहना है कि सरासर गलत आरोप हैं, जनप्रतिनिधि के खास व्यक्ति के ऊपर 15 मार्च को घटी घटना को 17 मार्च को पुलिस को बताना ही फर्जी लग रहा है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह सब मुझे साजिशन फंसा रहे हैं।
दो को हिरासत में लेकर पूछताछ
जिस मोबाइल नंबर से जनप्रतिनिधि के सहयोगी संजय निषाद के मोबाइल पर व्हाट्सएप कॉल की गई। अभद्र टिप्पणी वाले पोस्टर भेजे गए पुलिस सिम कार्ड नम्बर वाले दो संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। हालांकि इस बात का खुलासा नहीं किया है कि यह सिम किसके नाम हैं। सूत्रों की माने तो सिम कार्ड फर्जी आईडी से निकाल कर प्रयोग किया गया है। इंस्पेक्टर नरेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि जांच की जा रही है।