बांदा। कर्मियों को भड़काने के मामले में पांच संविदा बिजली कर्मियों के विरुद्ध कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज हो गई। साथ ही कंपनी द्वारा उन्हें तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया गया। उधर, विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति बैनर तले बिजली कर्मियों का आंदोलन तीसरे दिन भी जारी रहा। मुख्यमंत्री से न्याय दिलाने की मांग की गई।

नई बस्ती (झांसी) निवासी और नेशनल कंपनी भरथना रोड (इटावा) के सचिन द्वारा शुक्रवार की देर रात कोतवाली में पांच संविदा कर्मियों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। कहा है कि 16 मार्च से प्रस्तावित हड़ताल में संविदा कर्मियों द्वारा प्रतिभाग किया गया, लेकिन अन्य कर्मियों को काम न करने के लिए भड़काया जा रहा है। विभागीय कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही है। इस पर पुलिस ने पांच संविदा कर्मियों के विरुद्ध कार्य में बाधा पहुंचाने की धारा में रिपोर्ट दर्ज कर ली। इनमें मयंक सिंह (मटौंध), अली मोहम्मद (खुरहंड), प्रकाश सिंह (भूरागढ़, मटौंध), नीरज बाबू खरे और अनूप तिवारी (मुरवल, बबेरू) शामिल हैं। जांच कोतवाली सब इंस्पेक्टर धर्मेंद्र सिंह को सौंपी गई है।

उधर, मुख्य अभियंता कार्यालय में बिजली कर्मियों की चल रही हड़ताल शनिवार को भी जारी रही। तीसरे दिन लगभग 600 कर्मी उपस्थित रहे। समिति संयोजक पीयूष द्विवेदी ने कहा कि मुख्यमंत्री अग्रणी भूमिका निभाते हुए कर्मियों को न्याय दिलाएं। जिससे कर्मचारी पूरे मनोयोग से फिर कार्य कर सकें। आशीष कुमार ने दावा कि निजीकरण व पुरानी पेंशन बहाली की लड़ाई में बैंक कर्मी, शिक्षक व अन्य राज्य कर्मचारी संगठन के घटक दलों का भी समर्थन मिल रहा है। जेई कांता प्रसाद ने संविदा कर्मियों की वेतन वृद्धि का मुद्दा उठाया। अनिल कुमार पाठक, देववृत आर्या, रसूल अहमद, वैभव शुक्ला, रविकांत, अमित कुमार, मोहम्मद सिद्दीक, अतुल कुमार, राजेश श्रीवास, अनुदेश कटियार, राहुल सिंह, अल्ताफ हुसैन, अमित निषाद, संतोष रैकवार आदि शामिल रहे।



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