
बांकेबिहारी मंदिर
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वृंदावन में ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर का जायजा लेने बुधवार को आए प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार को कॉरिडोर के विरोध में पीड़ितों ने ज्ञापन सौंपा। इन सभी ने कॉरिडोर बनने से प्राचीन स्वरूप खत्म होने की बात कही।
ज्ञापन सौंपते हुए प्रतिनिधिमंडल ने सुझाव दिया कि बिना कॉरिडोर बनाए ही समस्या का निपटारा किया जा सकता है। वर्तमान में बिहारीजी मंदिर में लगभग 800 वर्गगज जमीन खाली पड़ी है, जिसका कोई सदुपयोग दर्शनार्थियों के निमित्त नहीं किया जा रहा है। यदि इस खाली जमीन का सदुपयोग किया जाए तो कॉरिडोर बनाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। ऐसा करके प्राचीन स्वरूप और कुंज गलियों को तोड़ने से भी बचाया जा सकेगा।
पीड़ितों ने बताया कि पिछले दो साल से स्थानीय शासन-प्रशासन का ध्यान बिहारी मंदिर की व्यवस्था सुधारने में कम और कॉरिडोर बनाने में ज्यादा है। बिहारी जी मंदिर में यदि तिरुपति बालाजी, खाटूश्यामजी, श्रीनाथजी आदि जगप्रसिद्ध मंदिरों की तरह ऑनलाइन या लाइन लगाकर दर्शन करने की व्यवस्था की जाए तो कॉरिडोर बनाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। कॉरिडोर बनाने में यदि सरकार अपनी मनमानी करती है तो हम पीड़ितों के सामने आत्महत्या करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा। ज्ञापन देने वालों में सोहन लाल मिश्र, राजेश कृष्ण शर्मा, दीपक पाराशर, सुमित मिश्र आदि मौजूद रहे।