
देश भर से श्रद्धालु ठाकुर जी की एक झलक पाने के लिए दौड़ चले आते हैं। श्रद्धालुओं के दबाव के चलते गलियों से लेकर सड़कों तक वृंदावन में हर तरफ उन्हें परेशानी उठानी पड़ती है। शनिवार और रविवार को तो मंदिर में हालात बेकाबू हो जाते हैं। इससे छुटकारा दिलाने के लिए ही बांकेबिहारी गलियारे का प्रस्ताव रखा गया था। विवादों के चलते अब तक यह मामला अदालत में विचाराधीन था। बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गलियारे की तस्वीर साफ हो गई है।
गलियारा बनने से श्रद्धालुओं को जहां मंदिर तक पहुंचने में आसानी होगी वहीं ठाकुर जी की दर्शन भी सुलभ होंगे। बिना धक्का-मुक्की के उन्हें अपने आराध्य के दर्शन का मौका मिल सकेगा। वर्तमान में भीड़ अधिक होने के चलते हालात बिगड़ जाते हैं। महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग न केवल बेहोश हो जाते हैं, बल्कि चोटिल भी हो जाते हैं। त्योहारों व विशेष तिथियों पर प्रशासन और मंदिर प्रबंधन की ओर से बच्चे और बुजुर्गों को मंदिर आने से ही मना कर दिया जाता है। गलियारा बनने के बाद किसी को भी दर्शन के लिए मना नहीं करना होगा। जो भी चाहे अपने आराध्य के दर्शन के लिए मंदिर आ सकेगा।

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मथुरा। बांकेबिहारी मंदिर में उमड़े श्रद्धालु।
– फोटो : mathura
मंदिर तक पहुंचने से पहले गलियारे के दोनों हिस्सों में भक्तों के लिए मुहैया कराए जाने वाली सुविधाओं पर नजर डालें तो बड़ा खुला स्थान रखा गया है। सामान घर और जूता घर के साथ प्रसाधन और पेयजल की व्यवस्था का भी प्रावधान है। प्रांगण में ही चिकित्सा सेवा और शिशु देखभाल के लिए भी व्यवस्था की गई है। मंदिर में भीड़ होने पर भक्तों के लिए विशाल प्रतीक्षालय भी बनेगा।

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मथुरा। बांकेबिहारी मंदिर में सजा फूल बंगला।
– फोटो : mathura
एक साथ चार मंदिरों के होंगे दर्शन
कॉरिडोर प्रांगण में भक्तजन ठाकुर श्रीबांकेबिहारी के साथ चार और प्राचीन मंदिरों के दर्शन कर सकेंगे। इसमें राधा गोपाल मंदिर, राधा बिहारी मंदिर और केशव जू मंदिर सहित गौड़िया मठ भी शामिल होगा। कॉरिडोर में इन मंदिरों के प्राचीन स्वरूप के साथ ही भव्यता प्रदान की जाएगी।

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मथुरा। बांकेबिहारी मंदिर में उमड़े श्रद्धालु।
– फोटो : mathura
मंदिर तक पहुंचने के तीन रास्ते होंगे
यमुना की ओर से जो रास्ता आएगा, वो 2100 वर्गमीटर क्षेत्र में होगा। इस रास्ते से आने वालों के लिए कॉरिडोर को 2 हिस्सों में विकसित किया जाएगा। एक निचला हिस्सा होगा और दूसरा उससे करीब 3.5 मीटर ऊपर होगा, जिस पर जाने के लिए रैंप बनाया जाएगा। दोनों ही हिस्सों में जूता घर, सामान घर, प्रसाधन और पेयजल सुविधा, शिशु देखभाल कक्ष, चिकित्सा कक्ष, वीआईपी कक्ष और तीर्थयात्रियों के लिए प्रतीक्षालय बनाया जाएगा। कॉरिडोर में निचला हिस्सा ऊपर के हिस्से से बड़ा होगा। नीचे का हिस्सा, जहां करीब 5 हजार वर्गमीटर का होगा, वहीं ऊपर का हिस्सा करीब 650 वर्गमीटर का होगा।

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बांकेबिहारी मंदिर में उमड़ी भीड़
800 वर्गमीटर में बनेंगीं पूजन सामग्री की दुकानें
कॉरिडोर में करीब 800 वर्गमीटर क्षेत्र में पूजा सामग्री की दुकानें बनाई जाएंगी। ये दुकानें कॉरिडोर के निचले हिस्से में बनाई जाएंगी। जहां से श्रद्धालु पूजा की सामग्री खरीद सकेंगे। कॉरिडोर बनाने के लिए जिन दुकानों को तोड़ा जाएगा, उन दुकानदारों को यहां पर दुकानें उपलब्ध कराई जाएंगी।