सीओ नीलेश मिश्रा ने बताया कि घटनास्थल के हालात, मोबाइल की कॉल डिटेल, स्थानीय लोगों से पूछताछ आदि के आधार पर पुलिस ने पूरे परिवार को आरोपी माना है। इनमें मुख्य आरोपी अनिल ही है, जिसने हंसिये से गला रेतकर अनीता की हत्या की। चूंकि अनीता स्वस्थ थी और अकेले हत्या करना मुमकिन नहीं था तो अनिल ने भाई सचिन की मदद ली।
सचिन उसके हाथ पकड़कर सीने पर बैठ गया। तब अनिल ने वारदात को अंजाम दिया। मंगलवार सुबह दस बजे हत्या कर दोनों भाई ताला लगाकर घर से चुपचाप निकल गए और शाम ढलने के बाद लौटे।
परिजनों ने खींच लिए थे हाथ
थाना प्रभारी अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि अनीता के सास, ससुर व चचिया ससुर घटनास्थल से काफी दूर गांव में थे। उन्हें घटना की जानकारी नहीं थी, लेकिन उनके तानों की वजह से भी अनिल और अनीता का परिवार बर्बाद हुआ। इसलिए उन्हें दहेज उत्पीड़न का आरोपी बनाया गया। अनिल ने पुलिस को बताया कि उनके विवाद को शांत कराने की कोशिश न तो उसके घरवालों ने की, न ही ससुरालवालों ने।
उसके घरवाले इस बात से नाराज थे कि बेटे ने उनकी मर्जी से शादी क्यों नहीं की? वहीं, ससुरालवाले अनीता की जिद से हुई शादी को लेकर दूरी बनाए रखते थे।




