बरेली में 26 सितंबर को हुए बवाल के आरोपी मौलाना तौकीर रजा के करीबी पूर्व पार्षद एवं प्रॉपर्टी डीलर वाजिद बेग के अवैध बेग बरातघर को बीडीए ने जमींदोज कर दिया। अवैध बरातघर के ध्वस्तीकरण पर प्राधिकरण के पांच लाख रुपये खर्च होने का अनुमान है। बीडीए वाजिद बेग से इस खर्च की वसूली करेगा। संयुक्त सचिव दीपक कुमार ने बताया कि ध्वस्तीकरण आदेश के बावजूद वाजिद बेग ने अनधिकृत निर्माण को नहीं हटाया। इसलिए ध्वस्तीकरण के दौरान जेसीबी व पोकलेन में खर्च हुए डीजल, ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों-कर्मचारियों व पुलिसकर्मियों के एक दिन के वेतन आदि की वसूली वाजिद बेग से की जाएगी।
संयुक्त सचिव ने बताया कि इस संबंध में एस्टीमेट तैयार कर उसे धनराशि जमा करने के लिए नोटिस दिया जाएगा। समय से अदायगी नहीं करने पर भू-राजस्व की तरह वसूली के लिए जिला प्रशासन के माध्यम से वसूली प्रमाणपत्र (आरसी) जारी कराया जाएगा। अवैध भवन के ध्वस्तीकरण आदेश के बाद व्यक्ति को खुद उसे तोड़ने के लिए 15 दिन का मौका दिया जाता है। इसके बाद प्राधिकरण की ओर से ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाती है। उन्होंने आमजन से अपील की है कि कोई भी भवन बनाने से पहले बीडीए से अनुमति जरूर लें और नक्शा पास करा लें। इसके बाद ही निर्माण कराएं।
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पहले गहरा गड्ढा खोदा, फिर ढहाया गुंबद
बीडीए ने वाजिद बेग के बरातघर को बड़ी सावधानी के साथ जमींदोज कराया। उन्होंने पहले पोकलेन मशीन से भवन के सामने गहरा गड्ढा खोदवाया। इसके बाद उसी में गुंबद समेत बरातघर की छत जमींदोज हुई। इससे न अधिक धूल-मिट्टी उड़ी, न ही कोई खतरे की बात रही। पड़ोस में बने घरों की सुरक्षा के मद्देनजर पूरब की ओर से भवन को तोड़ा गया। इससे बिल्डिंग इधर-उधर न खिसक कर सीधे खोदे गए गड्ढे में आकर गिरी। वाजिद ने काफी मजबूत निर्माण कराया था। बुलडोजर कई वार करता तो थोड़ा-थोड़ा भवन टूट रहा था। भवन में सरिया का प्रयोग कुछ अधिक ही किया गया था।