बात करने पर शाहनूर ने कहा कि बड़े होकर मां को हिंदुस्तान लाएंगे। मां के जाने से मन नहीं लग रहा है। जब भी मौका मिलेगा, वह मां से मिलने पाकिस्तान जाएगा। सात साल की बेटी आयजा भी पल-पल मां को याद कर रही है। वह बहुत देर बाद बोलने के लिए शब्द जुटा सकी।
कहा कि जब उसने साथ जाने की बात कही तो मां ने समझाया था कि मेरी बच्ची, कुछ मजबूरी है। तुम लोग मेरे साथ नहीं चल सकते। तब हम दोनों रो पड़े थे। फिर मां ने कहा कि खुदा कभी न कभी उन्हें जरूर मिलाएगा।
इरम ने कहा था हिंदुस्तान के लिए धड़केगा दिल
इरम के परिजनों के मुताबिक, वह हिंदुस्तान की सरहद पार करके अटारी के रास्ते पाकिस्तान जा चुकी हैं। फिलहाल, उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है। परिजनों के मुताबिक, बरेली छोड़ते वक्त भी इरम बहुत भावुक थीं। उसने कहा था कि वह भले ही पाकिस्तान में रहेंगी, पर उनका दिल हमेशा हिंदुस्तान के लिए धड़कता रहेगा। बच्चे हमेशा याद आएंगे। उसने भारत की सरजमीं को चूमकर सरहद पार किया था। कहा था कि यह सरजमीं मेरे बच्चों को पनाह देगी।