बरेली पुलिस के मुताबिक मौलाना तौकीर रजा खां पर मारपीट, बलवा और धमकाने के कई केस दर्ज हैं। अब पुलिस अधिकारी मौलाना पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) जैसी कार्रवाई की तैयारी कर रहे हैं। इसके पीछे उनका तर्क है कि मौलाना बार-बार शहर का माहौल खराब करने का काम करते हैं। कोतवाली में मौलाना के खिलाफ आधा दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हुए हैं। इनमें से एक में फाइनल रिपोर्ट लगी है। मौलाना के खिलाफ संभल के नखासा थाने में धमकी देने का मामला वर्ष 2020 में दर्ज किया गया था। प्रेमनगर थाने में जानलेवा हमला, बलवा और तोड़फोड़ करने का केस दर्ज किया गया। धर्म विशेष की भावनाएं भड़काने के आरोप में फरीदपुर थाने में भी मौलाना पर एक मुकदमा दर्ज किया गया था। मौलाना के खिलाफ उस वक्त इन मामलों में चार्जशीट दाखिल की गई थी।
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मौलाना तौकीर रजा खां
– फोटो : अमर उजाला
मौलाना के बुलावे पर जुटी भीड़ तीन बार कर चुकी है बवाल
बरेली में आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां के बुलावे पर जुटी भीड़ अब तक तीन बार शहर में बवाल कर चुकी है। तीनों बार कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए पुलिस और प्रशासन को खासी मशक्कत करनी पड़ी। ढाई दशक पहले एक समाचार पत्र में प्रकाशित अरुण शौरी के लेख के खिलाफ मौलाना ने प्रदर्शन का आह्वान किया था। उस दौरान पहलवान साहब की दरगाह के पास पुलिस ने लाठीचार्ज कर स्थिति नियंत्रित की थी।
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शुक्रवार को घटना के बाद फ्लैग मार्च करती पुलिस
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डेढ़ साल पहले भी हुआ था बवाल
करीब डेढ़ साल पहले माफिया अतीक अहमद के एनकाउंटर और सलमान अजहरी की गिरफ्तारी के विरोध में मौलाना ने इस्लामिया मैदान पर प्रदर्शन का आह्वान किया तो दूसरी बार लाठीचार्ज हुआ था। तब अब शुक्रवार को तीसरी बार मौलाना के आह्वान पर प्रदर्शनकारी बिहारीपुर करोलान में बैरियर पार कर नौमहला पहुंचने की जिद पर अड़े थे। पुलिस उनको लौटाने का प्रयास कर रही थी। इसी बीच भीड़ में शामिल लोगों ने माहौल बिगाड़ा तो पुलिस ने लाठीचार्ज करना पड़ा।
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लोगों से घर जाने की अपील करते एसएसपी
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दहशत का माहौल बनाने वालों को छोड़ेंगे नहीं : एसएसपी
एसएसपी अनुराग आर्य ने कहा कि नमाज होने तक कहीं हंगामा नहीं था। दोपहर ढाई बजे के बाद अचानक लोग उग्र हो गए। उन्हें शांत कराने का काफी प्रयास किया गया। लग रहा था कि भीड़ को कहीं से कोई निर्देश मिला था और वह कुछ सुनने को तैयार नहीं थी। ये लोग पुलिस पर ही हमलावर हो गए और पथराव करने लगे। तब पुलिस ने सीमित बल प्रयोग कर आत्मरक्षा की और हालात को काबू किया। सभी प्वाइंट पर 13 सीओ व पांच एएसपी लोगों को समझा रहे थे। हमारे पास चार हजार से ज्यादा जवान थे, लेकिन सीमित फोर्स का ही इस्तेमाल किया गया। कानून तोड़ने वालों व साजिश रचने वालों पर नजीर देने लायक कार्रवाई होगी। दोषी बख्शे नहीं जाएंगे और किसी निर्दोष पर कार्रवाई नहीं होगी।
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मौलाना तौकीर रजा खां
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कोर्ट ने कहा था- मौलाना 2010 के दंगों का मास्टरमाइंड
मौलाना तौकीर रजा खां वर्ष 2010 के दंगों का मास्टरमाइंड है, लेकिन पुलिस ने चार्जशीट में उसका नाम शामिल नहीं किया। बाद में इस मामले की सुनवाई कर रहे अपर सत्र न्यायाधीश रवि कुमार दिवाकर ने गवाहों के बयानों के आधार पर मौलाना तौकीर रजा खां को आरोपी मानते हुए पांच मार्च 2024 को समन जारी कर 11 मार्च 2024 को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया था।
मौलाना तौकीर रजा कोर्ट में पेश नहीं हुए तो उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया। इसके बाद उनको भगोड़ा घोषित करने की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई थी।