बरेली शहर का माहौल यूं नहीं बिगड़ा, इत्तेहाद-ए-मिल्लत कौंसिल के पूर्व जिलाध्यक्ष नदीम खां ने इसके लिए खतरनाक साजिश रची थी। नदीम ने 55 लोगों को व्हाट्सएप कॉल की थी। इन 55 लोगों के जरिये शहर में बवाल कराने के लिए 1600 लोग जुटाए गए। सभी से कहा गया था कि सीएए-एनआरसी के विरोध-प्रदर्शन की तरह ही नाबालिगों को आगे रखना है। उन्हीं लोगों ने खलील स्कूल तिराहे के पास और फिर श्यामगंज में माहौल को बिगाड़ा। अब नदीम भूमिगत है, पुलिस उसकी तलाश में दबिश दे रही है।
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कमिशनर भूपेन्द्र एस चौधरी और डीआईजी अजय साहनी ने पुलिस फ़ोर्स के साथ किया शहर में निकाला रूट मार्च
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आठ आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उनसे प्रारंभिक पूछताछ की तो हकीकत सामने आ गई। पुलिस के मुताबिक, मौलाना तौकीर की मंशा ज्ञापन देने की नहीं, बल्कि इस्लामिया मैदान पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठकर शक्ति प्रदर्शन करने की थी। हालांकि, वह इसमें कामयाब नहीं हो सका।
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बरेली शहर में पुलिस फोर्स ने किया रूट मार्च
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बृहस्पतिवार रात में ही नफीस और लियाकत के साथ नदीम ने पुलिस को पत्र दिया कि मौलाना तौकीर शुक्रवार को प्रदर्शन नहीं करेंगे। यह भी कहा कि वह सुबह तक घूम-घूम कर आईएमसी समर्थकों को बताएगा कि इस्लामिया मैदान में कोई प्रदर्शन नहीं होना है।
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कोतवाली के बाहर मौजूद पुलिस फ़ोर्स
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पुलिस को दिया हुआ पत्र पोस्ट कर बताया फर्जी
सभी लोग शांतिपूर्ण तरीके से अपने घर के पास की मस्जिद में नमाज पढ़ें। इसके बाद रात दो बजे उसने आईएमसी के व्हाट्सएप ग्रुप में पुलिस को दिया हुआ पत्र पोस्ट कर लिखा कि यह फर्जी है।
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पुलिस ने ड्रोन करवाई निगरानी
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55 लोगों को कॉल कर जुटने के लिए कहा
इसके बाद वह फोन बंद कर लापता हो गया। शुक्रवार दोपहर वह अचानक सक्रिय हुआ और अपने फोन से 55 लोगों को कॉल कर आईएमसी के प्रभाव वाले स्थानों पर जुटाने के लिए कहा। एसएसपी अनुराग आर्य ने कहा कि नदीम ने अपने साथियों के साथ पुलिस और पब्लिक दोनों को गुमराह किया। फिलहाल वह भागा हुआ है। उसे गिरफ्तार कर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।