Be careful: Dengue larvae can grow even in one spoon of water

फाइल फोटो

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लखनऊ। डेंगू का लार्वा कितने पानी में पनप सकता है? आधा लीटर, एक लीटर…? अगर आप भी ऐसा सोचते हैं, तो गलत हैं। महज एक चम्मच पानी में भी डेंगू का लार्वा पनप सकता है। लापरवाही से जमा एक चम्मच पानी आपके पूरे परिवार को बीमार बना सकता है।

जिला मलेरिया अधिकारी रितु श्रीवास्तव बताती हैं कि लोग ऐसा सोचते हैं कि मच्छरों के पनपने लिए बहुत अधिक जलभराव की जरूरत होती है। पर, ऐसा नहीं है। घर में एक चम्मच पानी भी कहीं जमा है, तो डेंगू का लार्वा उसमें पनप सकता है। खास बात है कि डेंगू का लार्वा साफ पानी में पनपता है।

– घर के अंदर एसी, कूलर, फ्रिज के कंप्रेशर के पास ट्रे में रिसकर आने वाला पानी या कबाड़ में जहां पर भी पानी जमा हो उसे हटा दें। मच्छर न पैदा हो सकें उसके लिए जरूरी है कि एक सप्ताह में घर के अंदर उन स्थानोंं की जांच कर सफाई जरूर करें जहां पानी जमा हो सकता है।

नमी पाते ही डेढ़ साल बाद भी पनप सकता है लार्वा

पूर्व नगर मलेरिया अधिकारी सुनील रावत के मुताबिक, डेंगू के मच्छर एडीज एजिप्टी का जीवन चक्र 24 से 25 दिन का होता है। एडीज एजिप्टी किसी तरह के पानी में अंडा दे सकती है। खास बात है कि अंडा अगर कहीं सूखे में जमीन पर पड़ा है, तो वह डेढ़ साल तक खराब नहीं होगा। यानी पानी के संपर्क में पाते ही अंडा लार्वा बन जाता है। यही नहीं डेंगू का मच्छर मलेरिया से भी अधिक घातक होता है। क्योंकि पर फड़फड़ाते ही वह डेंगू का संक्रमण फैलाने में सक्षम हो जाता है।

मादा एडीज एजिप्टी एक बार में 200 तक अंडे देती है

लार्वा को मच्छर का रूप लेने में आठ से नौ दिन का समय लगता है। मादा एडीज एजिप्टी एक बार में करीब 200 तक अंडे दे सकती है। अपने पूरे जीवनकाल में मादा 1000 अंडे दे सकती है। ऐसे में यदि कुछ अंडे ऐसी खुली जगह पर पड़े रह गए जहां पर नमी नहीं हो, तो वे डेढ़ साल बाद भी आकार लेने में सक्षम होंगे। लार्वा को नष्ट करने के लिए एंटीलार्वा का छिड़काव किया जाता है।

डेंगू के 31 मरीज मिले, इस साल अब तक 460 मामले आ चुके सामने

शहर में रविवार को डेंगू के 31 मामले सामने आए। कई मरीज सरकारी व निजी अस्पतालों में भर्ती हैं। राहत की बात है कि पिछले तीन दिन से डेंगू की वजह से किसी की मौत नहीं हुई है।

सीएमओ के प्रवक्ता योगेश ने बताया कि अलीगंज इलाके में सबसे अधिक पांच मरीज मिले हैं। इंदिरानगर व चंदरनगर में 4-4, सरोजनीनगर, ऐशबाग, एनके रोड व सिल्वर जुबली इलाके में 3-3, चिनहट व टूड़ियागंज में 2-2, रेड क्रॉस व काकोरी इलाके में 1-1 मरीज मिले हैं। जनवरी से अब तक जिले में डेंगू के कुल 460 मामले रिपोर्ट हुए हैं। टीमों के जरिये 1686 घरों एवं आसपास के इलाकों में सर्वेक्षण कराया गया। 14 घरों में मच्छरों के पनपने के लिए माकूल माहौल पाए जाने पर नोटिस जारी किया गया।



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