{“_id”:”67aa4454f14a01db23033480″,”slug”:”bees-attack-a-funeral-procession-30-injured-orai-news-c-224-1-ori1005-125707-2025-02-10″,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”Jalaun News: शव यात्रा में मधुमक्खियों का हमला, तीस घायल”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
मधुमक्खियों के हमले से घायल अजय कुशवाहा। – फोटो : संवाद
कोंच। शव यात्रा में जा रहे लोगों पर मधुमक्खियों ने हमला बोल दिया। इससे करीब तीस लोग घायल हो गए। शव यात्रा में शामिल लोग हमले के बाद शव छोड़कर भाग गए। कई लोगों ने खेतों में खड़ी फसलों में लेट कर अपनी जान बचाई। करीब दो घंटे बाद जब मधुमक्खियां शांत हुईं तब ग्रामीणों ने घायलों को अस्पताल पहुंचाया। जहां पांच की हालत गंभीर बनी हुई है। सभी लोग 70 वर्षीय महिला के शव का अंतिम संस्कार करने खेत पर जा रहे थे।
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कोतवाली क्षेत्र के घुसिया गांव निवासी जयराम कुशवाहा की पत्नी लल्लाबेटी (70) का सोमवार को निधन हो गया था। दोपहर करीब 12 बजे उनकी शव यात्रा घर से उनके खेत पर जा रही थी। जैसे ही सभी खेत पर पहुंचे तो गांव के बाहर नर्सरी के पास हजारों की संख्या में मधुमक्खियों ने अचानक शव यात्रा में शामिल लोगों पर हमला बोल दिया। मधुमक्खियों के झुंड ने जब लोगों हमला बोला तो वहां अफरा तफरी मच गई और लोग शव को छोड़ कर भागे।
कुछ लोगों ने खेतों में खड़ी फसलों में लेट कर अपनी जान बचाई। करीब दो घंटे तक मधुमक्खियों का तांडव चलता रहा। मधुमक्खियों ने डंक मारकर संतोष चतुर्वेदी (65), ओम प्रकाश (75), राघवेंद्र चतुर्वेदी, विनय पटेरिया, महेंद्र कुशवाहा, अजय कुशवाहा, ब्रजेश सक्सेना, जगदीश, बबलू, मानसिंह, उमाशंकर सहित तीस लोगों को घायल कर दिया। मुखाग्नि देने जा रहे महिला के पति जयराम भी बुरी तरह घायल हो गए। जब मधुमक्खियां शांत हुईं तो लोगों ने जैसे-तैसे हिम्मत जुटा कर खेतों में पड़े लोगों को उठा कर कस्बे के सीएचसी व नृसिंग होमों में भर्ती कराया। जहां संतोष, ओमप्रकाश, जयराम, राघवेंद्र व अजय की हालत गंभीर बनी हुई है। बाद में उनके बेटे राजकुमार ने मुखाग्नि दी।
राहगीरों पर भी हमला, गांव जा रहे झोलाछाप को भी काटा
शव यात्रा पर जब मधुमक्खियों ने हमला बोला तब जो भी राहगीर वहां से गुजर रहे थे, वह उन्हें भी अपने डंक से घायल कर रहीं थी। एक झोलाछाप गांव में लोगों का इलाज करने जा रहा था। उसने शवयात्रा देखकर अपनी बाइक खड़ी कर ली और हाथ जोड़ कर खड़ा होग या था। तभी मधुमक्खियों ने उस पर भी हमला बोल दिया और वह घायल हो गया। जिस समय शवयात्रा पर मधुमक्खियों ने हमला बोला तो वहां अफरा-तफरी मच गई। लोग एक से डेढ किलोमीटर तक भागे तब वह अपनी जान बचा पाए। मधुमक्खियों का शिकार ज्यादातर बुजुर्ग हुए हैं। सोमवार की शाम तक रोड से लेकर गांव तक मधुमक्खियां उड़ती रही ग्रामीण उनसे छिपते नजर आए।
बिना डंक निकाले बुजुर्ग की अस्पताल से छुट्टी
मधुमक्खियों के हमले में घायल संतोष चतुर्वेदी को ग्रामीणों ने अस्पताल में भर्ती कराया और कुछ देर बाद बिना डंक निकाले, उनकी अस्पताल से छुट्टी कर घर भेज दिया गया। ग्रामीण अस्पताल स्टाफ के इस व्यवहार नाराजगी जता रहे हैं।