अमर उजाला ब्यूरो

झांसी। बुंदेलखंड समेत मध्य प्रदेश के कई इलाकों में हो रही लगातार बारिश से बेतवा नदी के बहाव में तेजी बनी हुई है। इस वजह से राजघाट, माताटीला, पारीछा, सुकुवां-ढुकुवां बांध से पानी सोमवार को भी छोड़ा गया। पारीछा बांध से सबसे अधिक करीब 50 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। तीन दिन बाद प्रयागराज पहुंचकर यह पानी रौद्र रूप दिखाएगा हालांकि सिंचाई अभियंताओं ने देर-रात से बेतवा समेत उसकी सहायक नदियों के बहाव में कमी आने की उम्मीद जाहिर की है।

कई दिनों से हो रही बारिश के चलते बेतवा, पहूज, सुखनई, लखेरी, धसान समेत अन्य नदियां उफना रही हैं। बेतवा के जलस्तर में तेजी की वजह से राजघाट एवं माताटीला बांध के गेट 24 जुलाई से ही खुले हुए हैं। सोमवार को राजघाट एवं माताटीला बांध से 20 हजार क्यूसेक पानी आगे छोड़ा गया वहीं, पारीछा बांध से सबसे अधिक करीब 50 हजार क्यूसेक पानी बेतवा में छोड़ा गया। बहाव तेज होने की वजह से सुकुवां-ढुकुवां बांध से भी 26 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। अधिशासी अभियंता पंकज सिंह के मुताबिक राजघाट बांध से पहले के मुकाबले अब कम पानी आगे छोड़ा जा रहा है। ऐसे में बेतवा नदी के बहाव में देर-रात से कमी आने की उम्मीद है।

नदी किनारे गांवों में चेतावनी बोर्ड लगाने के निर्देश

झांसी। जिलाधिकारी मृदुल चौधरी ने लगातार हो रही बारिश को देखते हुए सुकुवां-ढुकुवां बांध का औचक निरीक्षण किया। बढ़ते जल स्तर से उत्पन्न संभावित बाढ़ के मद्देनजर राहत एवं बचाव कार्य को लेकर अधीनस्थों को निर्देश दिए। बांध से लगातार छोड़े जा रहे पानी के चलते खतरे को देखते हुए लोगों से बांध एवं नदियों के किनारे न जाने की अपील की। जिलाधिकारी ने नदी किनारे बसे गांवों में चेतावनी बोर्ड लगाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विगत वर्षों में बांध से पानी छोड़े जाने के कारण बाढ़ जैसी स्थिति के अनुभव के आधार पर बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा करते हुए बचाव कार्य की चाक-चौबंद तैयारी कर ली जाए। इस दौरान अधिशासी अभियंता बृजेश पोरवाल, सहायक अभियंता प्रभात कुमार, अवर अभियंता शैलेंद्र समेत अन्य मौजूद रहे। ब्यूरो



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