आगरा को स्मार्ट बनाने के लिए स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 978 करोड़ रुपये खर्च किए गए लेकिन सरकार के आंकड़ों में यह रकम लगभग ढाई गुना ज्यादा है। राज्यसभा सांसद नवीन जैन ने राज्यसभा में आगरा में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत चल रहे कार्यों पर सवाल पूछा, जिसके जवाब में शहरी कार्य राज्यमंत्री तोखन साहू ने सोमवार को जवाब दिया कि आगरा में 62 योजनाओं पर आगरा स्मार्ट सिटी कंपनी ने 2369 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।

हकीकत में आगरा स्मार्ट सिटी ने 19 प्रोजेक्ट पर 978 करोड़ रुपये ही खर्च किए हैं। इनमें से ज्यादातर योजनाएं लोगों के काम नहीं आ रहीं हैं, जबकि दो कार्य अनुमति न मिलने के कारण ड्रॉप कर दिए गए। राज्यसभा में सांसद नवीन जैन ने अतारांकित प्रश्न नंबर 862 में पूछा कि स्मार्ट सिटी मिशन के तहत आगरा में स्मार्ट सिटी से जुड़े सभी काम पूरे हो चुके हैं। अगर नहीं तो बाकी बचे कार्यों का ब्योरा क्या है और उनके पूरे होने की समय सीमा क्या है।

इसके जवाब में आवासन एवं शहरी कार्य राज्यमंत्री तोखन साहू ने राज्यसभा में जवाब दिया कि आगरा में आगरा स्मार्ट सिटी लिमिटेड की 62 परियोजनाओं पर 2369 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं और सभी योजनाएं पूरी हो चुकी हैं। 31 मार्च 2025 के बाद स्मार्ट सिटी मिशन समाप्त हो चुका है और इस वर्ष कोई बजट जारी नहीं किया गया है।

यह हैं अधूरी योजनाएं

आगरा स्मार्ट सिटी में 62 प्रोजेक्ट का दावा केंद्रीय राज्यमंत्री ने राज्यसभा में किया है, जबकि हकीकत में केवल 19 प्रोजेक्ट ही शुरू हुए। इन 19 प्रोजेक्ट में ताजमहल के पास कुत्ता पार्क में डिस्पेंसरी और पश्चिमी गेट पर मलको गली के पास जच्चा-बच्चा अस्पताल का निर्माण शामिल था, लेकिन भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और नेशनल मॉन्यूमेंट अथॉरिटी से इन दोनों कार्यों के लिए अनुमति नहीं दी। केवल पूर्वी गेट पर ताज से 500 मीटर दूर कुष्ठ आश्रम के जीर्णोद्धार का काम ही किया गया। स्मार्ट सिटी ने अनुमति से पहले ही वर्ष 2018 में दोनों इमारतों को तोड़ दिया था, जिससे इनका संचालन भी बंद हो गया। क्षेत्रीय लोग सात साल से परेशानी में हैं लेकिन राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री ने स्मार्ट सिटी के सभी प्रोजेक्ट पूरे होने का दावा किया है।

 



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