दिल्ली-कानपुर हाईवे पर अकराबाद इलाके में हुए भीषण हादसे में कार सवार चार दोस्तों और कैंटर चालक की जिंदा जलकर मौत हो गई। मंगलवार तड़के करीब साढ़े पांच बजे यह हादसा उस वक्त हुआ, जब सिकंदराराऊ से आती तेज रफ्तार कार का गोपी फ्लाईओवर पर अचानक टायर फट गया। इसके बाद अनियंत्रित हुई कार डिवाइडर लांघकर विपरीत दिशा से आते कैंटर से जा भिड़ी। कार सवार पांचवां दोस्त जिंदगी और मौत से जूझ रहा है।
घटनाक्रम तड़के करीब साढ़े पांच बजे का है। हाथरस सिकंदराराऊ निवासी पांच दोस्त कार में सवार होकर अलीगढ़ आ रहे थे। हाईवे पर तेज गति से दौड़ती कार गोपी फ्लाईओवर से उतर रही थी। तभी अचानक कार का ड्राइवर साइड का टायर फट गया। इसके बाद अनियंत्रित हुई कार पलक झपकते ही डिवाइडर को लांघकर विपरीत दिशा में सामने से आते कैंटर में जा भिड़ी।
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कार को हटाती क्रेन
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
कैंटर अलीगढ़ से स्टेशनरी लादकर कासगंज जा रहा था। भिड़ंत के साथ ही कार की पेट्रोल टंकी धमाके के साथ फटी और अचानक से दोनों वाहनों के आगे के हिस्सों में आग लग गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पलक झपकते ही दोनों वाहन आग की लपटों में घिर गए। तभी कार की ड्राइविंग सीट पर सवार युवक किसी तरह शीशा टूटने से बाहर लटक गया।
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आग पर काबू पाते दमकल कर्मी
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
सुबह-सुबह हाईवे पर टहलने निकले ग्रामीणों ने उसे खींचकर निकाला। आनन-फानन सूचना पर पुलिस, दमकल, एसपी देहात, एसपी यातायात, सीओ बरला आदि पहुंच गए। सूचना पर 45 मिनट बाद अलीगढ़ व सिकंदराराऊ से दो दमकलें मौके पर आईं। करीब आधा घंटे के प्रयास के बाद आग बुझाई जा सकी। तब तक कार में सवार चार दोस्त व कैंटर चालक की जिंदा जलकर मौत हो गई।
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कार और कैंटर की टक्कर के बाद लगी आग
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
चार दोस्तों के लिए चिता बनी चंदे से खरीदी कार
शायद ही किसी को अंदेशा होगा कि दोस्तों ने जो पुरानी कार आपस में चंदा करके खरीदी, उसी पुरानी कार की 125 की रफ्तार चार दोस्तों की जान ले लेगी। मंगलवार सुबह दिल्ली-कानपुर हाईवे पर भीषण हादसे की वजह तकनीकी जांच में कुछ यही निकलकर आई है।
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कार और कैंटर की टक्कर के बाद जले वाहन
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
दुर्घटना के बाद एआरटीओ प्रवेश कुमार की अगुवाई में संभागीय परिवहन कार्यालय की टीम मौके पर पहुंची। जहां कई घंटे तक हुई जांच पड़ताल के बाद टीम की ओर से बताया गया कि जिस कार में पांच दोस्त सवार थे। वह दिल्ली के गौतम नगर निवासी राहुल के नाम फरवरी 2011 में खरीदी गई। वहीं अस्पताल में भर्ती सुमित का कहना है कि अचानक कार पलटी और सबकुछ खत्म हो गया।