बिजनौर के नूरपुर में कर्ज अदायगी के तकादे से परेशान होकर मजदूर पुखराज ने अपनी पत्नी और बेटियों के संग जहर निगल लिया। उसकी पत्नी और दोनों बेटियों की मौत हो चुकी है। इस मामले में पुलिस ने नौ साहूकारों और दो फाइनेंस कंपनियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। छह साहूकारों को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो सभी साहूकार मुकर गए और बोले कि उनका पुखराज पर कोई कर्जा ही नहीं है।
गांव टंडेरा निवासी पुखराज की विवाहित बेटी पूनम की तहरीर पर केस दर्ज किया गया है। जिसमें गांव टंडेरा के रहने वाले सेठा, गुडडू उर्फ रामावतार, रमेश का लड़का, बिंदर और गांव बीरबलपुर उर्फ बूढ़पुर निवासीगण प्रदीप, नरदेव, मूलचंद, रजनीश उर्फ लालू, सतीश तथा लोन देने वाली चांदपुर व नूरपुर की फाइनेंस कंपनियों को आरोपी बनाया गया है।
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नूरपुर क्षेत्र के गांव टंडेरा में जहरीले पदार्थ निगलने से हुई तीन की मौत पर विलाप करते परिजन
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप
आरोप है कि कर्ज की चुकाने के लिए ये लोग तकादा कर रहे थे। तकादे के दबाव में उसके पिता, मां और बहनों ने जहर निगल लिया। जिसमें पूनम की मां और दो बहनों की मौत हो गई।
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जहरीले पदार्थ निगलने से हुई तीन की मौत के बाद जांच करती फॉरेंसिक की टीम
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
आरोपियों पर आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप है। उधर, पुलिस ने दबिश देकर छह साहूकारों को हिरासत में लिया है। जिनसे पूछताछ की जा रही है।
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नूरपुर क्षेत्र के गांव टंडेरा में जहरीले पदार्थ निगलने से हुई तीन की मौत के बाद जमा भीड़
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
शिकंजा कसता देख मुकरने लगे साहूकार
जिन साहूकारों को हिरासत में लिया गया है, वे अब पुखराज को कर्ज देने के बात से मुकर रहे हैं। कह रहे हैं कि उन्होंने कर्ज ही नहीं दिया। बताया जा रहा है कि जेल जाने से बचने के लिए अब कर्ज से इन्कार कर रहे हैं। हालांकि इनके रजिस्टर और डायरी से कर्ज और कितने प्रतिशत ब्याज पर दिया, यह राज खुलेगा।
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नूरपुर क्षेत्र के गांव टंडेरा में जहरीले पदार्थ निगलने से हुई तीन की मौत के बाद गमजदा महिलाएं
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
सामूहिक आत्महत्या से हर कोई आहत
नूरपुर क्षेत्र के ग्राम टंडेरा में घटी घटना के बाद लोग कर्ज की व्यवस्था से आहत नजर आ रहे हैं। फाइनेंस कंपनियों के कर्ज की व्यवस्था पर सरकार की निगरानी रहे। ताकि जिससे कोई भी मजदूर आत्महत्या जैसा कदम उठाने को मजबूर न हो।