
पीएम मोदी के साथ जेपी नड्डा और अमित शाह
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भाजपा ने लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में एक बार फिर पिछड़ा कार्ड चला है। 51 में से 21 सीटों पर पिछड़े वर्ग के उम्मीदवार उतारे गए हैं। पिछड़े वर्ग में लोधी, कुर्मी, जाट और गुर्जर सहित सभी प्रमुख बिरादरियों को प्रतिनिधित्व दिया है। वहीं अपने परंपरागत अगड़े वोट बैंक को साधने के लिए 10 ब्राह्मण, 7 ठाकुर और एक पारसी को टिकट दिया है।
भाजपा ने पिछड़े समाज में चार लोधी, चार कुर्मी, तीन जाट, दो गुर्जर, एक यादव, एक कश्यप, एक कुशवाहा, दो निषाद, एक गुप्ता, एक सैनी और एक तेली प्रत्याशी उतारा है। वहीं अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 12 सीटों में से पांच पर पासी समाज के प्रत्याशी उतारे हैं। एक पाल गड़रिया, एक कोरी, एक धानुक, दो जाटव और दो खटिक प्रत्याशी भी हैं। पार्टी ने पहली लिस्ट में पश्चिमी यूपी में आगरा, सहारनपुर और मेरठ कमिश्नरी के किसी भी लोकसभा क्षेत्र में जाटव उम्मीदवार नहीं उतारा है। वहीं पश्चिम और ब्रज में किसी ठाकुर को भी प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। मुरादाबाद से प्रत्याशी रहे सर्वेश सिंह और गाजियाबाद से केंद्रीय मंत्री जनरल वी.के. सिंह को भी फिलहाल टिकट नहीं दिया है।
75 पार की बाधा दूर
भाजपा ने मथुरा से फिल्म अभिनेत्री एवं मौजूदा सांसद हेमा मालिनी को मैदान में उतारकर 75 वर्ष की बाधा को तोड़ दिया है। प्रत्याशी चयन से पहले माना जा रहा था कि 75 वर्ष से अधिक आयु के मौजूदा सांसदों को पार्टी टिकट नहीं देगी। लेकिन पार्टी ने 75 वर्ष से अधिक आयु की हेमा मालिनी को टिकट दिया है।