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बुधवार रात जैसे ही घड़ी की सुईयों ने साढ़े नौ बजने का इशारा किया। पूरे शहर में सायरन की आवाज गूंज उठी। इसके साथ ही बाजारों, घरों, होटल, सड़कों सभी जगह की लाइट बंद कर दी गईं। चारों ओर घुप अंधेरा छा गया। इससे पहले तेज फिर धीमे, फिर तेज फिर धीमे करीब तीन मिनट तक शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में सायरन बजा। दिन में 13 स्थानों पर मॉक ड्रिल के जरिए लोगों को संभावित हमले के दौरान बचाव के तरीके बताए गए। इस पूरी कवायद के दौरान किसी भी संभावित हमले को देखते हुए सुरक्षा का घेरा मजबूत किया गया।

रात के समय आधे घंटे तक शहर के मुख्य मार्ग, गलियों, दुकानें, कालोनियों, अपार्टमेंट्स हर जगह अंधेरा ही अंधेरा था। सड़कों पर दौड़ रहे वाहनों के पहिए भी थम गए। चालकों ने वाहनों को सड़क किनारे खड़ा कर गाड़ियों की लाइटें बंद कर दीं। शहर के कई स्थानों पर ब्लैक आउट का पूरी तरह पालन दिखा, जबकि कुछ स्थानों पर स्ट्रीट लाइट और सोलर लाइटें जलती रहीं। इसके वीडियो लोग सोशल मीडिया पर डालकर विरोध जताते दिखे। शहर से होकर गुजरेन वाले हाईवे, रेलवे स्टेशन, बस अड्डे, अस्पतालों के अंदर लाइट बंद करने का प्रावधान नहीं था। वहां लोगों के आवागमन और इमरजेंसी को देखते हुए ऐसा किया गया।




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Blackout in Kanpur: As soon as siren sounded, darkness spread from road to the houses

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कानपुर में ब्लैक आउट
– फोटो : अमर उजाला


दिन में हुई थी सायरन की टेस्टिंग

लोगों को खतरे का संकेत देने के लिए नगर निगम द्वारा संचालित पब्लिक एड्रेस सिस्टम, सिविल डिफेन्स द्वारा अनुरक्षित हैंड-हेल्ड सायरन एवं अन्य औद्योगिक प्रतिष्ठानों पर लगे अनुरक्षित सायरन की मदद ली गई। बुधवार दोपहर चार बजे इन सायरन को बजाकर परखा गया ताकि जरुरत के वक्त इन्हें इनकी मदद से लोगों को जागरूक किया जा सके। नगर निगम द्वारा संचालित इंटीग्रेटेड कमांड सिस्टम और पुलिस के 112 कंट्रोल रूम से अधिकारियों ने पूरी व्यवस्था पर नजर रखी।

 


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कानपुर में ब्लैक आउट
– फोटो : अमर उजाला


ब्लैकआउट होते ही लोगों ने लगाए भारत माता के नारे

साढ़े नौ बजे से तीन मिनट का सायरन बजते ही ब्लैकआउट के तहत पूरे शहर में सरकार की ओर से की गई ब्लैकआउट की अपील का लोगों ने पूरी तरह से समर्थन किया। लोगों ने भारत माता के नारे भी लगाए। साकेतनगर, पराग दूध डेयरी, सचान चौराहे, विश्वबैंक बर्रा, कर्रही सब्जी मंडी समेत पूरे इलाके में जैसे ही पहला सायरन बजा तो दुकानों, चौराहों के साथ-साथ घरों में भी लाइट बंद कर दी गई। सचान चौराहे और बर्रा बाईपास पर पुलिस ने आने-जाने वाले लोगों को रोका और बाइक, कारों, ऑटो समेत अन्य वाहनों की लाइटों को बंद करने का सहयोग मांगा। जिसपर लोगों ने पुलिस की बात का समर्थन करते हुए पूरा सहयोग किया।

 


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फैक्टरियों में भी रहा अंधेरा

विजयनगर चौराहा पर रात 9:30 बजते ही पुलिस ने ट्रैफिक रोक दिया और अनाउंसमेंट कर वाहन चालकों को लाइट बंद करने के लिए कहा। विजयनगर से दादा नगर तक सोलर लाइटों को छोड़कर बाकी सब लाइटें बंद रहीं। फैक्टरियों में भी अंधेरा रहा। फजलगंज चौराहे पर भी पुलिस ने दो पहिया व चार पहिया वाहनों को रोककर सबकी लाइट भी बंद करवा दी। झकरकटी बस अड्डे पर पूरी तरह से ब्लैक आउट रहा। बस अड्डे के बाहर व पुल पर सभी लाइट बंद रही। बसों के पहिए थम गए। 10 बजते ही लाइटें जलीं और बसें रवाना हुई। 

 


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मुस्लिम क्षेत्रों में रहा ब्लैकआउट

मुस्लिम क्षेत्रों में ब्लैक आउट का पूरी तरह से पालन किया गया। समाजसेवी मुस्तफा तारिक ने बताया कि बेकनगंज, चमनगंज, कर्नलगंज, हलीम कॉलेज सभी जगह ब्लैकआउट रहा। कहीं भी लाइट जलती नजर नहीं आई। लोगों ने दुकानें जल्दी बंद कर दीं। शाम के समय सब्जी, आटा, दालों की दुकानों पर भीड़ रही, लोगों में डर नजर आ रहा था। जिला प्रशासन की ओर से सभी को भरोसा दिलाया गया कि ये सिर्फ एक मॉकड्रिल है, घबराने वाली कोई बात नहीं हैं।




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